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#BUDGET2019: गांव, गरीब, किसान और युवाओं पर हो सकती है तोहफों की बारिश

आज मोदी सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी बजट अंतरिम बजट के रूप में पेश करने वाली है। जिसे अर्थशास्त्री चुनावी बजट मान रहे हैं। आम चुनाव से ठीक पहले ये बजट लोकलुभावन हो सकता है। लेकिन यदि आप केंद्र सरकार के कार्यकाल पर नजर डालें तो वो बड़े निर्णय लेने के लिए पहचान बना चुकी है।

Rishi
Published on: 1 Feb 2019 4:05 AM GMT
#BUDGET2019: गांव, गरीब, किसान और युवाओं पर हो सकती है तोहफों की बारिश
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नई दिल्ली : आज मोदी सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी बजट अंतरिम बजट के रूप में पेश करने वाली है। जिसे अर्थशास्त्री चुनावी बजट मान रहे हैं। आम चुनाव से ठीक पहले ये बजट लोकलुभावन हो सकता है। लेकिन यदि आप केंद्र सरकार के कार्यकाल पर नजर डालें तो वो बड़े निर्णय लेने के लिए पहचान बना चुकी है। ऐसे में ये भी कहा जा रहा है कि वित्त मंत्री पियूष गोयल लोकलुभावन बजट न देकर देश की आर्थिक मजबूती वाला बजट पेश कर ये संदेश भी दे सकते हैं कि सरकार वोट की नहीं बल्कि देश की अच्छी सेहत के लिए राजनीति करने में यकीन रखती है। वहीं यदि बीजेपी के हमारे सूत्रों की बात करें तो विधान सभा चुनावों में मिली हार के बाद सरकार दबाव में है और वो बजट में गांव, गरीब, किसान, युवा वर्ग और माध्यम वर्ग के लिए तोहफों की बरसात कर सकती है।

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क्या हो सकता है इस बजट में

बजट में सरकार किसानों को सीधे फायदा पहुंचाने की किसी नई योजना का ऐलान कर सकती है। सरकार ग्राम विकास मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ भी कर सकती है।

नौकरीपेशा वर्ग के लिए टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ा 3 लाख से पांच लाख कर सकती है।

वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे साढ़े तीन लाख व महिलाओं के लिए साढे़ तीन लाख तक की सालाना आय को करमुक्त भी किया जा सकता है।

बजट में 80सी को लेकर भी बड़ा निर्णय देखने को मिल सकता है।

सरकार गरीब बेरोजगारों को हर महीने एक निश्चित धनराशी देने का भी ऐलान कर सकती है।

आंगनवाड़ी कर्मियों के वेतन में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।

एजुकेशन लोन पर रियायत देकर सरकार युवावर्ग को लुभाने का भी काम इस बजट में कर सकती है।

उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो सरकार इस बजट में मंडी शुल्क भी हटा कारोबारियों को राहत दे सकती है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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