×

कांपते हैं अपराधी: ऐसी कड़क सब-इंस्पेटर हैं सुमन यादव, पहली पोस्टिंग में लिया था पंगा

मजबूत हौसले और जज्बे से न सिर्फ अपराधी को घुटने टेकने पर मजबूर किया बल्कि लोगों के दिलों से उसका खौफ भी मिटा दिया। बनारस के जिस भी पुलिस थाने या फिर चौकी में उनकी पोस्टिंग होती है, लोग खुद को महफूज मानते हैं। कुछ ऐसी ही हैं एसआई सुमन यादव।

SK Gautam
Published on: 8 March 2021 12:36 PM GMT
कांपते हैं अपराधी: ऐसी कड़क सब-इंस्पेटर हैं सुमन यादव, पहली पोस्टिंग में लिया था पंगा
X
कांपते हैं अपराधी: ऐसी कड़क सब-इंस्पेटर हैं सुमन यादव, पहली पोस्टिंग में लिया था पंगा

वाराणसी। इंटरनेशनल वीमेंस डे के खास मौके पर बात, बनारस की उस तेज तर्रार पुलिस अधिकारी की जिसने अपनी पहली पोस्टिंग में पच्चीस हजार रुपए के ईनामी से पंगा ले लिया। मजबूत हौसले और जज्बे से न सिर्फ अपराधी को घुटने टेकने पर मजबूर किया बल्कि लोगों के दिलों से उसका खौफ भी मिटा दिया। बनारस के जिस भी पुलिस थाने या फिर चौकी में उनकी पोस्टिंग होती है, लोग खुद को महफूज मानते हैं। कुछ ऐसी ही हैं एसआई सुमन यादव।

पूर्वांचल की सबसे बड़ी सर्राफा मंडी की संभालती हैं सुरक्षा

फिलहाल सुमन यादव के जिम्मे पूर्वांचल की सबसे बड़ी सर्राफा मंडी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। यहां पर हर रोज करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। पूर्वांचल के अलावा कई दूसरे राज्यों से भी सर्राफा कारोबारी व्यापार के लिए आते हैं। ऐसे में कारोबारियों में सुरक्षा का भाव रहे, इसके लिए सुमन यादव पूरी शिद्दत से काम करती हैं।

यही नहीं आस्था के केंद्र बाबा विश्वनाथ मंदिर के अलावा मोक्षस्थली मर्णिकर्णिका घाट पर सुरक्षा बनाए रखने की भी चुनौती होती है। इन दोनों ही जगहों पर प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। संकरी गलियों में सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। पक्का महाल की गलियों में ना तो जीप या फिर ना ही ठीक तरह से बाइक चलती है। ऐसे में गश्त के लिए पैदल ही जाना पड़ता है।

si suman yadav-2

ये भी देखें: महिला दिवस पर न्याय: बेटी के बलात्कारी को फांसी, जाने अब तक कितने को हुई सजा

रामनगर एंकाउंटर से सुर्खियों में आईं सुमन

कहते है पूत के पांव पालने में भी नजर आ जाते हैं और कुछ ऐसा ही एसआई सुमन यादव के साथ भी हुआ, ब रामनगर में अपनी शुरुआती पोस्टिंग के दौरान ही उनका सामना पच्चीस हजार के इनामी डकैत से हो गया। इस डकैत का इलाके में खौफ था। लोग इसका नाम सुनते ही कांपने लगते थे। लेकिन सुमन यादव ने अपनी जाबांजी से इस डकैत को घुटनों के बल ला दिया। जिस अपराधी पर बड़े-बड़े पुलिसवाले हाथ डालने से कतराते थे, सुमन यादव ने उसे जमीन पर ला दिया।

मूलतः प्रयागराज की रहने वाली सुमन यादव की पूरी शिक्षा दीक्षा भी प्रयागराज से ही पूरी हुई। इतिहास से परास्नातक करने के बाद देश के लिए कुछ कर गुज़रने के जज्बे के साथ इन्होने पुलिस में जाने का फैसला किया। 2015 बैच की एसआई सुमन के पिता मानसिंह यादव ही इनके रोल मॉडल है। जिन्होंने अपनी बहादुर बिटिया की हौसलाफजाई करते हुए उसका पूरा साथ दिया और हर कदम पर उनकी सराहना करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा एसआई सुमन के जीवनसाथी संजीव भी लगातार उनको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।

ये भी देखें: महिला दिवस स्पेशल: मैं दिये की रोशनी सी…..

वर्दी पहनने से मन में आता है सुरक्षा का भाव

बातचीत के दौरान एसआई सुमन ने बताया कि खाकी वर्दी पहनकर उनके मन में सुरक्षा के भाव के साथ साथ लोगों के लिए कुछ कर गुज़रने का जज़्बा भी आता है। इसके अलावा खुद महिला होने के कारण अन्य महिलाएं भी उनसे अपनी बात आसानी से कह पाती है और इनकी सुचारु कार्यप्रणाली से पूरी तरह संतुष्ट रहती है। माथे पर त्रिपुण्ड और चेहरे पर आत्मविश्वास के साथ एसआई सुमन ने हमें बताया कि उनको बचपन से बास्केटबॉल खेलने और कार ड्राइविंग का काफी शौक था, आज भी मौका मिलने पर वह स्टेडियम जाकर बास्केटबॉल की प्रेक्टिस करती हैं और अपने छह साल के नन्हे भतीजे को लेकर कार ड्राइव पर निकल जाती हैं।

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story