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INTERVIEW: सेंट्रलाइज ट्रीटमेंट पॉलिसी लागू करना ही प्राथमिकता: वीसी एमएल भट्ट
लखनऊ : राजधानी स्थित किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के नए वाईस चांसलर के रूप में इसी मेडिकल कॉलेज के रेडियोथैरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मदनलाल ब्रहम भट्ट को नियुक्त किया गया है। ऐसे में अपना भारत के संवाददाता सुधांशु सक्सेना ने वीसी प्रोफेसर एमएल भट्ट से उनके रोडमैप, विजन और चुनौतियों पर विशेष बातचीत की।
रिपोर्टर: आपने इस कालेज में स्टूडेंट, चिकित्सक, विभागाध्यक्ष से वाइस चांसलर तक का सफर तय किया है, कैसा लग रहा है आपको?
वीसी: देखिए, निश्चित रूप से मेरे लिए ये सौभाग्य की बात है।मैंने 1977 में एमबीबीएस स्टूडेंट के रूप में यहां दाखिला लिया था। मैंने 1982 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद 1995 में यही से एमडी रेडियोथैरिपी की पढ़ाई की।वर्ष 2002 में केजीएमयू में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनाती मिली।वर्ष 2006 से 2007 तक चिकित्सा अधीक्षक के रूप में भी सेवा का अवसर मिला।वर्तमान में संस्थान के रेडियोथैरिपी विभाग के विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रहा था।बतौर वाइस चांसलर मुझे अब इस संस्थान की बड़े स्तर पर सेवा करने का अवसर मिला है।संस्थान, मरीज और डॉक्टरों के हित में जो भी फैसले होंगे, प्राथमिकता के साथ लिए जाएंगे।
रिपोर्टर: कोई ऐसा काम है जिसपर आप प्राथमिकता के साथ तुरंत काम शुरू करना चाह रहे हैं?
वीसी: मेरी प्राथमिकता सेंट्रलाइज ट्रीटमेंट पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से मरीज हित में लागू करने की है।मरीज को इलाज के लिए भटकना न पड़े और उसे एक ही छत के नीचे चिकित्सीय सलाह, जांच, रिपोर्ट से लेकर सारी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।इसी दिशा में हर संभव काम किए जाएंगे और इन सेवाओं को और बेहतर बनाने पर काम होगा।हालांकि कई चुनौतियां भी हमारे सामने हैं। मरीजों और तीमरादारों के बीच सौहार्द स्थापित करने के लिए कारगर उपाय किए जाएंगे।
रिपोर्टर: प्रदेश में योगी सरकार है, हर विभाग की तरह स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग भी 100 दिन के रोडमैप पर काम कर रहे हैं, क्या आपके पास भी अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों के लिए कोई रोडमैप है?
वीसी: मेरे कार्यकाल में मरीजों और डाक्टरों के बीच बेहतर तालमेल के लिए काम होगा।सिंगल विंडो सिस्टम और सेंट्रलाइज ट्रीटमेंट प्राथमिकता होगी।कई मदों की फीस पर पुनर्विचार किया जाएगा। फार्मेसी में दवा की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की जाएगी।संस्थान में रिसर्च के काम को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने पर रोक लगाई गई है।इस बात को भी ध्यान में रखा जाएगा।निश्चित रूप से कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार और निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने का काम प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार किया जाएगा।
रिपोर्टर: प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया और कैशलेस इंडिया को संस्थान में लागू करने के लिए क्या नए प्रयास करेंगे?
वीसी: कैशलेस प्रणाली को संस्थान में अलग अलग सभी संभावित क्षेत्रों में लागू किया गया है और इसकी सभी संभावनाओं पर काम होगा। स्टूडेंट फीस, मरीज की फीस से लेकर सेंट्रलाइज सिस्टम के अंतर्गत डिजिटल और कैशलेस इंडिया की सभी संभावनाओं पर काम होगा।