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Investors Summit in Lucknow: शहर को सुंदर दिखाने में बुझ गए गरीबों के घर के चूल्हे, सरकार को निवेश की और इन्हें रोटी की आस

Investors Summit in Lucknow: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए शहर को सजाने के लिए जिन पटरी दुकानदारों को हटाया गया अगले 20 फरवरी तक उनके घर में चूल्हे जलने का इंतजाम नहीं है।

Sunil Mishraa
Published on: 5 Feb 2023 8:19 AM IST (Updated on: 5 Feb 2023 8:37 AM IST)
G20 and Investor Summit 2023
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जी20 का बनाया गया लोगो (फोटों: न्यूज नेटवर्क)

Investors Summit in Lucknow: चकाचक सड़कें, फूलों से सजे फुटपाथ, पेड़ों की टहनियों पर झिलमिलाती लाइटें, यह नजारा है इन दिनों लखनऊ का। लेकिन शहर की इस चकाचौध रोशनी के पीछे करीब डेढ़ लाख परिवारों के सामने जो स्याह रात है उसे कोई नही देख रहा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए शहर को सजाने के लिए जिन पटरी दुकानदारों को हटाया गया अगले 20 फरवरी तक उनके घर में चूल्हे जलने का इंतजाम नहीं है।

विदेशी मेहमानों के लिए सजा रहा शहर

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए पूरे शहर को सजाया जा रहा है। इसके लिए पूरे शहर से पटरी दुकानदारों को हटा दिया गया है। इनमे वो दुकानदार भी हैं जिन्हें नगर निगम ने बकायदा रजिस्टर्ड करके उन्हे जगह आवंटित की है। लेकिन विदेशी मेहमानों की शान में धब्बा समझकर इन्हे भी हटा दिया गया। ये वो दुकानदार है जिनकी रोज की कमाई से उनके घर का चूल्हा जलता है।



नर्सरी से 8 बच्चों का पेट पाल रही मां का दर्द

शहर की इस जगमगाहट के पीछे जिनके चूल्हे बुझ गए उनसे मिलवाते हैं। उन्नाव की रहने वाली गुड़िया 25 साल से मोटी महल लॉन के सामने नर्सरी की दुकान लगती हैं। पति की कैंसर से मौत हो गई। अब इसी नर्सरी की हर रोज की कमाई से 8 बच्चों का पेट पाल रही हैं। लेकिन इनकी दुकान हटा दी गई। अब इनके सामने दो वक्त की रोटी का सवाल खड़ा हो गया। इन्ही की तरह श्रावस्ती से आए मनीराम 1998 से जलनिगम मुख्यालय के सामने बाटी चोखा की दुकान लगाते थे। इसी से परिवार के 10 सदस्यों का गुजारा कर रहे थे। दुकान हटा दी गई तो अब परिवार का पेट पालने के लिए लक्ष्मण मेला मैदान के पास तख्ते पर रखकर आलू, टमाटर बेच रहे हैं।



मेहमानों के आने से पहले हटाई गई दुकान

सीतापुर के रहने वाले मोहम्मद यूनुस राणा प्रताप मार्ग पर एक कुर्सी और स्टूल रखकर नाई की दुकान लगाते थे। 1987 से वो यहां बाल काट रहे थे। दुकान भी नगर निगम से अलॉट थी जिसका उन्होंने पूरा शुल्क जमा किया है। इनका कहना है की हर दिन डेढ़ से दो सौ रुपए कमा लेते थे। इसी से परिवार का खर्च चलता था। अब अगले 20 तारीख तक चूल्हा कैसे जलेगा ये सोचकर परेशान हैं। डालीगंज निवासी चंद्र किशोर भी इसी राणा प्रताप मार्ग पर 28 साल से नारियल पानी बेच रहे थे। दुकान बढ़ाने के लिए हाल ही में एक लाख रुपए कर्ज लिया था। दुकान तो हटा दी गई, लेकिन कर्जदार रोज दरवाजे पर खड़ा रहता है।



एसोसिएशन कर रहा रोजी रोटी की मांग

पटरी दुकानदार संघ के अध्यक्ष और टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य अशोक कुमार गुप्ता का कहना है कि शहर में कुल डेढ़ लाख पटरी दुकानदार हैं। ये रोज़ कमाते हैं रोज खाते हैं। नगर निगम ने 13 हजार दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन किया है। इनके लिए बकायदा वेंडिंग जोन चिन्हित किया गया है। अगर किसी कारण वश इन्हे हटाया जा रहा है तो जितने दिन इनकी दुकान नही लगती सरकार उतने दिन का खर्चा इन दुकानदारों को दे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पटरी दुकानदार संघ विरोध प्रदर्शन करेगा।





Prashant Dixit

Prashant Dixit

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