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IPS भ्रष्टाचार जांचः SIT रिपोर्ट में तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह भी फंसे
पिछले दिनों प्रदेश के पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ भ्रष्ट्राचार के मामले की जांच में हुई देरी को लेकर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौपी है।
लखनऊ: पिछले दिनों प्रदेश के पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ भ्रष्ट्राचार के मामले की जांच में हुई देरी को लेकर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौपी है। इसमें कहा गया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ जांच में हीलाहवाली की बात सामने आई है। इसके अलावा कागजातों में हेरफेर किए जाने की बात भी सामने आई है। यहां यह बताना जरूरी है कि इन अधिकारियों के खिलाफ जब जांच की कार्रवाई हुई तो उस दौरान प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह थे।
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शासन सूत्रों ने बताया
शासन सूत्रों ने बताया कि इस जांच में एक पेन ड्राइव के साथ हुई छेड़खानी की बात भी सामने आ रही है। दो बार पत्र लिखने के बाद एसआईटी को सबूतों वाली पेन ड्राइव मिल सकी। बता दें आईपीएस डॉ अजयपाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर सिंह, गणेश साहा, राजीव नारायण मिश्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। जांच के दौरान तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने इस संबंध में सबूतों की पेन ड्राइव भेजी थी। नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने सबूतों की जो पेन ड्राइव भेजी थी। उसे लखनऊ तक आने में 19 दिन का समय लग गया था।
SIT (social media)
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जांच में हुई देरी के बारे में इस रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। इसके लिए एसआईटी ने 10 और 13 जनवरी को तत्कालीन डीजीपी को पत्र लिखे थे। इसके बाद पेन ड्राइव दी गई। वह भी मूल न होकर उसकी कापी थी। यहां यह बताना जरूरी है कि उस समय प्रदेश में डीजीपी ओपी सिंह थे और एसआईटी प्रमुख तत्कालीन निदेशक, विजिलेंस एचसी अवस्थी थे। अब ओपी सिंह रिटायर हो चुके हैं। इस समय प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी है जिनकी छवि एक बेहद ईमानदार अफसर की है।
श्रीधर अग्निहोत्री
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