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Jhansi: 'सूखे' में भी लहलहा रही बुन्देलखण्ड में धान की फसल, झांसी में पिछले साल से तीन गुना बढ़ा बुवाई का रकबा

Jhansi: इस बार बुंदेलखंड के किसानों ने धान की फसल की बुआई को लेकर पिछले साल का रिकार्ड तोड़ने में सफलता हासिल की है। धान की बुआई तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया है।

B.K Kushwaha
Published on: 27 Aug 2022 10:25 PM IST
Paddy crop in Bundelkhand is flourishing even in drought, sowing area increased three times in Jhansi from last year
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'सूखे' में भी लहलहा रही बुन्देलखण्ड में धान की फसल: Photo- Social Media

Jhansi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) बुंदेलखंड (Bundelkhand) को नहरों से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। उनकी इन योजनाओं के सकारात्मक पहलु भी सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास का ही नतीजा है कि सूखाग्रस्त के रूप में चर्चित बुंदेलखंड में आज फसलें लहलहा रहीं हैं। इस बार बुंदेलखंड के किसानों ने धान की फसल की बुआई को लेकर पिछले साल का रिकार्ड तोड़ने में सफलता हासिल की है। झांसी में इस बार खरीफ में धान की बुआई का क्षेत्रफल पिछली बार की तुलना में तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया है। नहरों के जाल और उनके माध्यम से खेतों तक आसानी से पानी पहुंचने से ही धान की बुआई के प्रति किसानों का रूझान बढ़ा है।

26,160 हेक्टेयर हुई धान की बुआई

कृषि विभाग (Agriculture Department) के आंकड़ों के मुताबिक झांसी में पिछले साल 2021 में खरीफ में 8,589 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुआई किसानों ने की थी जबकि इस बार 2022 में खरीफ में किसानों ने 26,160 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुआई की है। क्षेत्रफल के लिहाज से पिछले साल की तुलना में यह बढ़ोत्तरी तीन गुना से भी अधिक है। आमतौर पर बुंदेलखंड में दलहन और तिलहन की फसलों को प्रमुखता दी जाती रही है, लेकिन अब धान की बुआई को लेकर भी किसानों में रुझान बढ़ रहा है। यह आंकड़ा इसलिए भी प्रेरित करने वाला है क्योंकि देश के कई हिस्सों से इस बार धान की बुआई का क्षेत्रफल घटने की जानकारी सामने आई है।

नहरों की उपलब्धता से धान का क्षेत्रफल बढ़ा

कृषि विज्ञान केंद्र भरारी के वैज्ञानिक डॉ. ए सिंह बताते हैं कि धान की बुआई के क्षेत्रफल में इस बढ़ोत्तरी के कई वजह हो सकती है। धान की कई ऐसी किस्में हैं जो कम पानी में उपजाई जा सकती हैं। इसके अलावा झांसी में धान की बुआई मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में अधिक हो रही है जहां नहरों की उपलब्धता है और इनके माध्यम से किसानों को आसानी से पानी उपलब्ध हो जा रहा है। नहरों के माध्यम से पानी की उपलब्धता होने से किसानों की धान के पैदावार में रूचि बढ़ी है।



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Shashi kant gautam

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