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UP News: गोंडा से पकड़ा गया आइएसआइ एजेंट, सैन्य ठिकानों की करता था जासूसी, एटीएस (UP ATS) ने उठाया
UP News: एटीएस को लगातार जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आइएसआइ के एजेंट द्वारा भारतीय नागरिकों को देश के विरूद्ध बरगलाकर जासूसी कराई जा रही है।
UP News: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ (ISI) के तार यूपी के गोंडा जनपद तक से भी जुड़े हैं। इसकी बानगी तब सामने आई जब रविवार को यूपी एटीएस (UP ATS) ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एक युवक को यहां से दबोचा लिया। एटीएस के मुताबिक उसने कबूल किया है कि वो भारतीय सैन्य ठिकानों की जासूसी करता था।
आइएसआइ (ISI) हैंडलर्स को दे रहा था संवेदनशील सूचनाएं
एटीएस को लगातार जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आइएसआइ के एजेंट द्वारा भारतीय नागरिकों को देश के विरूद्ध बरगलाकर जासूसी कराई जा रही है। आइएसआइ (ISI) प्रलोभन में फंसाकर भारतीय से ही यहां के सैन्य एवं सामरिक महत्व के स्थानों की गोपनीय व जरूरी सूचनाएं प्राप्त कर रहा है। जिसके बाद यूपी एटीएस (UP ATS) ऐसे लोगों को तलाश कर रही थी। जांच में यह तथ्य सामने आए कि एक व्यक्ति मो. रईस पुत्र मो. हुसैन, निवासी ग्राम दीनपुरवा, थाना तरबगंज, जिला गोण्डा आइएसआइ का एजेंट बन चुका है।
महत्वपूर्ण गोपनीय सूचनाओं को आइएसआइ के हैंडलर्स को उपलब्ध करवा रहा है, जिसके बदले में इसे मोटी रकम मिलती थी। मो. रईस को जब एटीएस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वो संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। एटीएस अधिकारियों के मुताबिक गहनता से हुई पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
बाबरी मस्जिद और मुसलमानों के मुद्दों पर किया माइंडवॉश
एटीएस पूछताछ में रईस ने बताया कि कुछ वर्ष पहले यह मुम्बई में प्राइवेट काम करता था। जहां पर रईस की मुलाकात अरमान नाम के एक व्यक्ति से हुई। अरमान ने रईस को भारत में मुस्लिमों पर हो रहे जुल्म और बाबरी मस्जिद की शहादत का जिक्र करते हुए बरगलाया और भारत के विरुद्ध जासूसी करने के लिए उकसाया। उसी दौरान रईस ने अरमान को बताया कि वो सऊदी अरब जाकर काम करना चाहता है। इस पर अरमान ने रईस से कहा कि ‘मैं तुम्हारा नंबर पाकिस्तान के एक व्यक्ति को दे दूंगा। तुम्हें कॉल करेगा और अगर तुम उसके काम पर खरे उतरे और काम के आदमी साबित हुए तो वह तुम्हें भारत के खिलाफ काम करके बदला लेने का मौका देगा। साथ ही साथ मोटा पैसा और दुबई में नौकरी भी दिला देगा।’
भारतीय सैन्य छावनियों की तस्वीरें पाकिस्तान पहुंचाईं
यूपी एटीएस (UP ATS) के मुताबिक वर्ष 2022 में एक व्यक्ति ने विदेशी नंबर से रईस के पास व्हाट्सएप कॉल की और अरमान का जिक्र करते हुए उससे बात की गई। उस व्यक्ति ने रईस को हुसैन नाम के किसी शख्स के बारे में बताया और कहा कि ‘हुसैन तुमसे बात करेगा और बताएगा कि क्या करना है।’ इसके बाद से रईस और हुसैन की आपस में बातें होने लगी। हुसैन ने यह भी बताया कि वह पाकिस्तानी जासूस है और उसे भी आपसे साथ काम करने के लिए प्रेरित किया। इस काम के बदले में हुसैन ने रईस को पैसे देने का वादा किया था। हुसैन ने रईस को कुछ महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें और उनसे संबन्धित संवेदनशील सूचनाएं भेजने के लिए कहा।
दोस्तों के साथ मिलकर की जासूसी
रईस ने अपने दोस्त सलमान व अन्य को भी आइएसआइ((ISI)) के एजेंट्स के कहने पर अपने जासूसी के काम में सम्मिलित किया। इन दोस्तों से रईस की मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार और बाबरी मस्जिद की शहादत के संबंध में पहले भी बात होती रहती थी। उसने अपने दोस्तों को जासूसी करने के लिए तैयार कर कुछ सैन्य छावनियों और प्रतिष्ठानों के संबंध में महत्वपूर्ण सूचनाएं और तस्वीरें एकत्र कारवाईं, जिन्हें संपर्क में रहने वाले पाकिस्तानी जासूसों को भेज दिया गया। जिसके एवज में पाकिस्तानी जासूसों द्वारा रईस को 15000 रुपए मिले थे।
यूपी एटीएस की टीम मुंबई रवाना
सूत्र बताते हैं कि रईस से मिली जानकारी के आधार पर इस पूरे मामले में एटीएस अन्य लोगों को दबोचने के प्रयास में लगी है। अरमान और हुसैन नाम के शख्स की गिरफ्तारी के लिए यूपी एटीएस(UP ATS) की टीम मुंबई रवाना कर दी गई है। जल्द ही इस मामले में एटीएस और कई खुलासे कर सकती है।