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इस्लामी धर्मगुरुओं का आरोप, मुसलमानों को लड़ाने के लिए होती है सियासी साजिश

इस्लामिक विद्वानों ने कहा कि इस्लाम अमन, भाईचारे और इंसानियत से प्यार करने का मज़हब है, लेकिन मुसलमानों को बदनाम करने के लिए इन्हें लड़ाया जाता रहा है। धर्मगुरुओं ने कहा कि शिया और सुन्नी समुदाय शांति और सद्भाव से रहना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लड़ाने की राजनीतिक साजिशें रची जाती हैं।

zafar
Published on: 23 Sept 2016 5:36 PM IST
इस्लामी धर्मगुरुओं का आरोप, मुसलमानों को लड़ाने के लिए होती है सियासी साजिश
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muslim religious leader-collective namaz-blame politics

लखनऊ: मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा है कि सियासी रोटियां सेंकने के लिए कुछ लोग मुसलमानों को आपस में लड़ाने की साजिश कर रहे हैं। ये धर्मगुरु आज जुमे की नमाज के लिए टीले वाली मस्जिद पर जमा हुए थे। शिया और सुन्नी फिरके के इन धर्मगुरुओं ने एक साथ नमाज अदा की।

सियासी साजिशें

-लखनऊ की मशहूर टीले वाली मस्जिद में आज जुमे की नमाज़ सुन्नी इमाम मौलाना फज़ले मन्नान ने पढाई।

-प्रसिद्ध शिया धर्म गुरु डॉ. कल्बे सादिक और ईरानी शिया धर्मगुरु डॉ. अली रजा मूसवी ने मौलाना मन्नान के पीछे जमात में नमाज़ अदा की।

-इस मौके पर इस्लामिक विद्वानों ने कहा कि इस्लाम अमन, भाईचारे और इंसानियत से प्यार करने का मज़हब है, लेकिन मुसलमानों को बदनाम करने के लिए इन्हें लड़ाया जाता रहा है।

-धर्मगुरुओं ने कहा कि शिया और सुन्नी समुदाय शांति और सद्भाव से रहना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लड़ाने की राजनीतिक साजिशें रची जाती हैं।

हिंदुस्तान में प्यार

-ईरानी शिया स्कॉलर डॉ. अली रजा मूसवी ने नदवा कालेज जा कर सुन्नी धर्मगुरु मौलाना राबे हसन नदवी से भी मुलाक़ात की।

-डॉ. मूसवी ने इस मौके पर कहा कि हिंदुस्तान में उन्हें इतना प्यार और इज़्ज़त मिली है कि वो यहां अपने घर जैसा महसूस करने लगे हैं।

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