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'Jal Jeevan Mission' में UP की रफ्तार से केंद्र चिंतित, कही ये बात

Jal Jeevan Mission Scheme: गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पत्र लिख राज्य में ‘जल जीवन मिशन’ को और तीव्रता से आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।

Shreedhar Agnihotri
Reporter Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 12 Jun 2021 5:43 PM GMT
Jal Jeevan Mission में UP की रफ्तार से केंद्र चिंतित, कही ये बात
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केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Jal Jeevan Mission Scheme: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि 2024 के पहले राज्य के हर ग्रामीण घर में 2024 के अंत से पहले-पहले नल जल कनेक्शन (Tap Water Connection) प्रदान कर देगी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने अपने पत्र में, बुंदेलखंड और विन्ध्यांचल में जलापूर्ति परियोजनाओं के काम में तेजी लाने को कहा है।

शेखावत ने इन दोनों क्षेत्रों की परियोजनाओं पर भी विशेष ज़ोर दिये जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2019 में बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों (7 जिलों: झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट) के लिए, तथा पिछले वर्ष नवंबर में विंध्याचल क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों के लिए ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से इन क्षेत्रों के 6,742 गावों के 17.48 लाख घरों और डेढ़ करोड़ से ज़्यादा लोगों को लाभ पहुंचेगा।

मिशन की तीव्रता बढ़ाने का किया आग्रह

हाल में लिखे पत्र में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य में 'जल जीवन मिशन' को और तीव्रता से आगे बढ़ाने और उत्तर प्रदेश में नल कनेक्शन से अब भी वंचित परिवारों में से कम से कम एक तिहाई को, यानि 78 लाख ग्रामीण घरों तक इस वित्त वर्ष में नल जल कनेक्शन पहुंचा देने का आग्रह किया है।

पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण परिवार के घर तक नल से जल पहुंचाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्‍पना को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने 'जल जीवन मिशन' के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश को मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 मेँ 10,870.50 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश को अनुदान की यह राशि 1,206 करोड़ रुपए थी, जो 2020-21 में बढ़ा कर 2,571 करोड़ रुपए कर दी गई थी। इस प्रकार, पिछले वर्ष की तुलना में उत्तर प्रदेश को इस वर्ष 'जल जीवन मिशन' के अंतर्गत मिला केन्द्रीय अनुदान चार गुना ज़्यादा है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

धन की कमी न होने का दिया आश्वासन

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य के मुख्य मंत्री के साथ हुई अपनी पिछली बैठक में आश्वासन दिया था कि उत्तर प्रदेश को 'जल जीवन मिशन' के अंतर्गत हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। बताते चले कि उत्तर प्रदेश में 97 हज़ार गावों में 2.63 करोड़ परिवार रहते हैं, जिनमें से 30.04 लाख के घरों (यानि 11.41%) में पीने के पानी का नल कनेक्शन है।

'जल जीवन मिशन' की घोषणा से पहले उत्तर प्रदेश में केवल 5 लाख से कुछ ही ज़्यादा, यानि मात्र 2% घरों में ही नल जल कनेक्शन था। इस प्रकार, पिछले केवल 21 महीनों के दौरान निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में 24.89 लाख और घरों (9.45%) को नल जल के नए कनेक्शन प्रदान किए गए। इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश में अब भी लगभग 2.33 करोड़ ग्रामीण घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाना बाकी है।

गांगेय क्षेत्र में जहां कि भूजल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, वहाँ प्रत्येक ग्रामीण घर को नलकूपों, ओवर-हैड टैंक और पाइप से पानी की आपूर्ति करने वाली एकल ग्राम जल आपूर्ति परियोजनाओं के जरिये पेयजल उपलब्ध करने के कार्य को इसी साल पूरा किया जा सकता है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री से जिन गांवों में पाइप से जल आपूर्ति है, उनमें अगले तीन – चार महीनों में हर घर में नल से जल पहुचाने पर बल दिया है।

87,974 गावों में शुरू होना है योजना के तहत काम

उत्तर प्रदेश में 87,974 गाँव ऐसे हैं, जहां 'जल जीवन मिशन' के अंतर्गत काम शुरू होना है। राज्य में कुल 89 जल जाँच प्रयोगशालाओं में से केवल एक प्रयोगशाला ही NABL से मान्यता प्राप्त है। राज्य में इस वर्ष 75 जिला प्रयोगशालाओं को NABL की मान्यता दिलाई जानी है। 'जल जीवन मिशन' के तहत गावों के हर घर में पर्याप्त मात्रा में नल से शुद्ध जल पहुँचे, यह सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलोजी की भी मदद ली जा रही है।

परीक्षण के तौर पर इस मिशन ने भारत सरकार, राज्य सरकार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से 'ग्रैंड टेक्नोलोजी चैलेंज' के रूप में उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के 10 गावों में 'ऑनलाइन माप एवं निगरानी प्रणाली' शुरू की है। 'जल जीवन मिशन' के लिए इस वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि उपलब्ध है जो गाँव-देहात की पेय जल आपूर्ति परियोजनाओं पर खर्च की जानी है। निश्चित तौर पर इससे देश के ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई शक्ति प्राप्त होगी।

बता दें कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल का पानी उपलब्ध कराना है।

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