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जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने अमित शाह को भेजा इस्तीफा, कहा दलित समाज से हूं, इसलिए अधिकारी बात नहीं सुनते

Dinesh Khatik Resign: मंत्री दिनेश खटीक ने कहा है की वह दलित समाज से आते हैं इसलिए इस विभाग में उनका अपमान हो रहा है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 20 July 2022 8:35 AM GMT (Updated on: 20 July 2022 8:44 AM GMT)
Dinesh Khatik sent resignation
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मंत्री दिनेश खटीक (photo: social media ) 

Dinesh Khatik Resign: यूपी के जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ( Dinesh Khatik Resign) के इस्तीफे की पुष्टि हो गई है। दिनेश खटीक ने 19 जुलाई को गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को लिखे पत्र में सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव अनिल गर्ग और दूसरे अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा एक वह उनकी बात नहीं सुनते हैं। उनका फोन भी नहीं उठाते हैं, पत्र का जवाब भी नहीं देते। राज्यमंत्री के तौर पर उन्हें सिर्फ गाड़ी मिल गई है।

मंत्री दिनेश खटीक ने कहा है की वह दलित समाज से आते हैं इसलिए इस विभाग में उनका अपमान हो रहा है। उन्होंने सिंचाई विभाग में भी हुए ट्रांसफर में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, साथ ही नमामि गंगे प्रोजेक्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।

हालाकि मंत्री खुद इस्तीफे पर हामी नहीं भर रहे। बुधवार को दिनेश मेरठ में गंगानगर अपने आवास पर पहुंचे तो मीडिया से बचते नजर आए। दिनेश खटीक ने किसी से बात नहीं की, न ही किसी सवाल का जवाब दिया, चुपचाप गाड़ी में बैठे और चले गए। मीडियाकर्मियों ने इस्तीफे का कारण पूछा तो कहा कोई विषय नहीं है और चले गए

बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में उन्होंने लिखा कि दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है। जिससे पूरा दलित समाज सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है। इसके बाद भी जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी की सूचना दी जाती है।

विभाग के प्रमुख सचिव अनिल गर्ग का नाम लेते हुए राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने लिखा कि कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले की सूचना देने में भी मेरे साथ भेदभाव किया गया। वहीं, प्रमुख सचिव अनिल गर्ग मेरा फोन बीच में ही काट देते हैं। इसके अलावा विभाग में चलने वाली योजनाओं पर क्या कार्रवाई की जा रही है इसकी सूचना भी मुझे नहीं दी जाती है।

उन्होंने आगे लिखा कि इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने कहा कि मैं एक दलित जाति का मंत्री हूं। इसलिये इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है। मुझे विभाग में अभी तक कोई अधिकार नहीं दिया गया है। इसलिए मेरे पत्रों का ना तो जवाब जाता है और ना ही कोई कार्रवाई की जाती है।

मंत्री दिनेश खटीक का वायरल हुआ पत्र

मंत्री दिनेश खटीक ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है "सादर अवगत कराना है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे०पी० नड्डा जी एवं श्री अमित शाह जी के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है। इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मा० मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है जिससे पूरा दलित समाज नाजपा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है परन्तु जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी बैठक की सूचना दी जाती है न ही विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है तथा उस पर क्या कार्यवाही हो रही है इत्यादि कोई सूचना अधिकारियों द्वारा नहीं दी जाती है जिसके कारण राज्य मंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है।

मंत्री दिनेश खटीक द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को लिखा वायरल पत्र

सम्बंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं और इतने से ही राज्य मंत्री के कर्त्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते हैं। इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। श्री योगी आदित्यनाथ, मा०मुख्यमंत्री जी के जीरो टारलेंस नीति को ध्यान में रखते हुये मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरण सत्र 2022-23 में किये गये अधिकारियों के स्थानांतरण से सम्बंधित सूचना मेरे द्वारा अपने पत्र संख्या-309 / ज.श. वि. / 2022 दिनांक 09.7.2022 को मांगी गयी तो उसकी सूचना अभीतक नहीं दी गयी है। कई दिनों के बाद विभागाध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता करके सूचना हेतु कहा गया तब भी उन्होंने आजतक सूचना उपलब्ध नहीं करायी है। प्रमुख सचिव, सिंचाई, श्री अनिल गर्ग को उक्त स्थिति से अवगत कराना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी पूरी बात सुने ही टेलीफोन काट दिये और वह भी मेरे बात को अनुसुना कर दिये जो एक जनप्रतिनिधि का बहुत बड़ा अपमान है। मैं एक दलित जाति का मंत्री हूँ। इसीलिये इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है। मुझे विभाग में अभीतक कोई अधिकार नहीं दिया गया है इसलिये मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है। मेरे द्वारा लिखे गये पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इस विभाग में नामामि गंगे योजना के अन्दर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउण्ड पर जाने पर पता चलता है और जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरूद्ध करता हूँ तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। चाहें तो इसकी किसी एजेंसी से जांच भी करायी जा सकती है।

दलित समाज और पिछडा समाज पूरी तरह से भाजपा के साथ

यहां यह भी अवगत कराना चाहता हूँ कि 2014 में हमारे देश आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में जो भाजपा सरकार बनी हुई है। उसके आदर्शों पर ईमानदारी और सच्चाई से देश के प्रधानमंत्री जी ने दलितों और पिछड़ों को सम्मान के साथ भाजपा में लाने का प्रयास किया है और उन्हीं के आदर्शों के कारण दलित समाज और पिछडा समाज आज पूरी तरह से भाजपा के साथ खड़ा है लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार के अन्दर अधिकारीगण उतना ही दलितों का अपमान कर रहे है। मैं दलित समाज से हूँ और दलित समाज मुझसे पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और वह पूरी तरह से मुझसे अपेक्षा रखता है कि उसके साथ अन्याय न होने पाये जब मैं उसके साथ हो रहे अन्नाय को लेकर अधिकारियों को अवगत कराता हूँ अधिकारी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जिससे मेरी ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है।

मुझे मेरे ही विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई तवज्हो न दिये जाने के कारण एवं दलितों को उचित मान-सम्मान न मिलने के कारण और मा० प्रधानमंत्री जी के योजना नमामि गंगे एवं हर घर जल योजना के नियमों की अनदेखी हो रही है। मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलत तरीके से धन वसूली की गयी है। संज्ञान में आने पर जब मैंने विभागाध्यक्ष से इसकी सूचना मांगी तो अभीतक उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। जब विभाग में दलित समाज के राज्य मंत्री का विभाग में कोई अस्तित्व नहीं है तो फिर ऐसी स्थिति में राज्य मंत्री के रूप में मेरा कार्य करना दलित समाज के लिये बेकार है। इन्हीं सब बातों से आहत होकर मैं अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूँ"।

दिनेश खटीक ने अमित शाह से शिकायत कर अपना इस्तीफा दिया

गौरतलब है कि इससे पहले दिनेश खटीक के इस्तीफे की खबर मीडिया में आई थी. हालांकि सरकार और पार्टी की ओर से इसे खारिज किया जा रहा था. जल शक्ति और सिंचाई विभाग के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी ऐसी किसी भी खबर की जानकारी होने से इनकार किया था लेकिन अब पत्र वायरल होने के बाद यह पक्का हो गया है कि दिनेश खटीक ने अमित शाह से शिकायत कर अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री, अमित शाह की जहां जमकर तारीफ की है वहीं यूपी के अफसरशाही पर जमकर भाड़स भी निकली है।

फिलहाल अब देखना होगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिल्ली में बैठा आलाकमान इस मसले को कैसे सुलझाते हैं. क्योंकि यूपी में ट्रांसफर को लेकर पड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। सीएम योगी की कार्रवाई के बाद पीडब्ल्यूडी में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है. अब देखना होगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति पर जो अधिकारी बट्टा लगा रहे हैं उनके खिलाफ क्या एक्शन होता है..?

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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