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Jalaun News : दोहरे हत्याकांड में कोर्ट ने 12 साल बाद सुनाया ऐतिहासिक फैसला, तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास
Jalaun News : प्रदेश के जालौन में 12 वर्ष पूर्व बकरा व्यापारी अपने साथी के साथ बकरों की खरीददारी करने गए थे, जहां उनकी रुपये के लालच में आकर चार लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
Jalaun News : प्रदेश के जालौन में 12 वर्ष पूर्व बकरा व्यापारी अपने साथी के साथ बकरों की खरीददारी करने गए थे, जहां उनकी रुपये के लालच में आकर चार लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इसके बाद से मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था। शनिवार को शासकीय अधिबक्ता की पैरवी पर दोष सिद्ध हो जाने के बाद जज ने तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया है।
शहर कोतवाली के मोहल्ला गणेश गंज निवासी राजेश पुत्र सुभाष चंद्र खटीक, जो बकरे के गोस्त का काम करता था। एक नवंबर, 2012 को घर से एक लाख 20 हजार रुपए लेकर अपने साथी मंगल खटीक पुत्र मेवालाल निवासी राजेन्द्र नगर उरई के साथ बकरे खरीदने के लिए कानपुर के किदवई नगर में सुख्खे उर्फ हरिप्रसाद पुत्र काथूले के यहां रात में 8 बजे पहुच गए थे। राजेश ने अपने घरवालों को फोन पर बता दिया था कि वह सुख्खे के यहां रुका है। सुख्खे उसके रुपए देख लालच में आ गया और योजनाबद्ध तरीके से अपने साथियों के साथ मिलकर उन दोनों की हत्या कर थी।
शवों को नदी में फेंक दिया था
इसके बाद दोनों के शवों को बोरे में भरकर नदी में फेंक दिया था। वहीं, जब राजेश के परिजनों ने उसे फोन लगाया तो फोन स्विच ऑफ गया। इसके बाद घरवालों को चिंता हुई और राजेश के पिता सुभाष चन्द्र खटीक ने 10 नवम्बर, 2012 को उरई कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। विवेचना के दौरान पुलिस ने 21 नवम्बर, 2012 को सुख्खे, गंगास्वरूप शुक्ला, भगीरथ पुत्र बाबूलाल निवासी मोठ, श्रीराम गुप्ता कानपुर चाय वाले के खिलाफ धारा 302, 364, 201 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करके न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। हालांकि चाय वाला फरार हो गया था। इसके बाद से यह मामला न्यायालय में विचारधीन था।
इस मामले में शनिवार को बहस के दौरान शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने साक्ष्य पेश किए, जिससे दोष सिद्ध हो जाने पर सुख्खे, गंगास्वरूप शुक्ला और भगीरथ को एडीजे प्रथम शिवकुमार ने आजीवन कारावास व 27 - 27 हजार रुपए के अर्थदंड का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त सजा भुगतने पडेगी।