Jalaun News: बड़ी पूजा में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, लाला हरदौल मंदिर से प्रारंभ हुई माता रानी की विदाई यात्रा

Jalaun News: शोभायात्रा बजरिया स्थित गुदड़ी होती हुई मुख्य राजमार्ग पर आगे बढ़ी और सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं पर मैया की सवारी आई और वे झूमते हुये जयकारों के साथ यात्रा में आगे बढते रहे।

Afsar Haq
Report Afsar Haq
Published on: 14 Sep 2024 12:52 PM GMT
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Jalaun News: जालौन में हर तीसरे वर्ष आयोजित होने वाली बड़ी पूजा में हुल्का मैया को भावभीनी विदाई यात्रा नगर के बजरिया स्थित लाला हरदौल मंदिर के स्थान से प्रारंभ होकर मुख्य मार्ग पर लगभग चार किमी की यात्रा कर अपने गंतव्य मां हुल्का देवी मंदिर तक पहुंची। यात्रा मार्ग पर भंडारों की व्यवस्थाएं विभिन्न कमेटियों और संस्थाओं द्वारा की गई थी। यात्रा में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, प्रशासन ने बड़ी पूजा यात्रा को लेकर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी।

जानकारी के अनुसार बता दें जालौन के कोच नगर में शनिवार को सुबह लगभग आठ बजे लाला हरदौल मंदिर से झंडा लेकर आस्थावानों की टोली सबसे पहले गांधीनगर स्थित धोबिन बऊ के यहां सुहाग लेने पहुंची, इसके बाद गाजे बाजे के साथ नईबस्ती स्थित पुराने दिवाले बीजासेन के स्थान पर तथा गंगाराम पटेल के यहां से मुख्य घुल्ले को लेने सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष पहुंचे। इसके बाद सभी लोग एक बार पुन: हरदौल मंदिर पर इकट्ठा हुए। महंतजी के यहां से टिपरिया आई और दोपहर ठीक बारह बजे मैया की विदाई विशाल शोभायात्रा के साथ शुरू हुई जिसमें सभी नंगे पांव थे और महिलाओं के केश खुले हुए थे। तीन शेर वेसन से बनी हुल्का मैया की सुंदर प्रतिमा को रथारूढ कराया गया और फिर गगनभेदी जयकारों के साथ उनका डोला उठ चला। यात्रा में भक्तों ने मैया के डोले में कंधा लगाया।

शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

आयोजन कमेटी लाला हरदौल सेवा समिति बजरिया के अध्यक्ष श्यामदास याज्ञिक ककइया ने जरूरी औपचारिकताएं पूरी करते हुए यात्रा शुरू की। शोभायात्रा बजरिया स्थित गुदड़ी होती हुई मुख्य राजमार्ग पर आगे बढ़ी और सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं पर मैया की सवारी आई और वे झूमते हुए जयकारों के साथ यात्रा में आगे बढते रहे। डोले में विराजमान मैया हुल्का देवी अत्यंत सुंदर लग रहीं थीं, हर कोई मैया के डोले में कंधा लगाने को उत्सुक रहा। यह जन सैलाब मैया के जयकारे लगाता हुआ धीमी गति से आगे बढता रहा और सेंवढा कुआ, पुरानी स्टेट बैंक, नई स्टेट बैंक, चंदकुआं, चौकी तिराहा, बस स्टैंड होता हुआ जब रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचा तो साथ की सभी महिलाएं परंपरानुसार यहां से वापस अपने घरों को लौट गईं।

अंत मे मैया का डोला पड़री नाका स्थित हुल्कादेवी मंदिर पहुंचा जहां उनके रथ में काले बकरे जोत कर रथ को खेतों में छोड़ दिया गया। शोभायात्रा में आगे आगे ले जाए जा रहे वाराहों की वहां बलि दी गई। वही दूसरी ओर पूरे मार्ग में दूध, शर्बत और मदिरा की तीन धाराएं अनवरत चलती रहीं। इन धाराओं के पीछे मान्यता है कि यात्रा मार्ग में मिलने वाली अदृश्य शक्तियां अपने अपने भोज्य के अनुसार उन्हें ग्रहण करती हैं। शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसडीएम ज्योति सिंह, सीओ अर्चना सिंह, कोतवाल सहित कई थानों का फोर्स और पीएसी बल के जवान लगातार यात्रा की सुरक्षा में लगे रहे। वही ड्रोन कैमरे से भी यात्रा मार्ग पर नजर रखी जा रही थी।

Shalini singh

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