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Jalaun News: किसान की हत्या करने वाले को दस साल की सजा, साथ में लगाया जुर्माना
Jalaun News: कोंच कोतवाली के चंदुर्रा गांव निवासी हरिमोहन 22 नवंबर 2019 की सुबह अपने खेत पर तार फेंसिंग कर रहा था। तभी गांव के ही संतोष पुत्र दौलत व दो अज्ञात व्यक्ति उसे तार फेंसिंग करने से रोकने लगे। जब वह नहीं माना तो उक्त लोगों ने उसे जान से मारने की नीयत से सरिया से प्रहार कर दिया।
Jalaun News: जालौन में पांच साल पहले खेत की मेड़बंदी कर रहे किसान पर गांव के ही तीन लोगों ने जान से मारने की नीयत से सरिया से हमला कर दिया था। जिससे किसान मरणासन्न हालत में गिर पड़ा। गांव के लोग उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे रेफर कर दिया गया। किसान के भतीजे ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई। फिर पुलिस ने धारा 302 जोड़कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसके बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। तभी से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। बुधवार को सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता की पैरवी से दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश ने उसे 10 वर्ष के कारावास व आधी सजा की सजा सुनाई।
आपको बता दें कि कोंच कोतवाली के चंदुर्रा गांव निवासी हरिमोहन 22 नवंबर 2019 की सुबह अपने खेत पर तार फेंसिंग कर रहा था। तभी गांव के ही संतोष पुत्र दौलत व दो अज्ञात व्यक्ति उसे तार फेंसिंग करने से रोकने लगे। जब वह नहीं माना तो उक्त लोगों ने उसे जान से मारने की नीयत से सरिया से प्रहार कर दिया। जिससे वह मरणासन्न अवस्था में गिर गया। तभी उसी गांव के रामलाल व सुधीर आ गए और हमलावरों को ललकारा तो उक्त तीनों जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। तब गांव के लोग उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोंच ले गए। जहां उसकी बिगड़ती हालत को देख डॉक्टरों ने रेफर कर दिया।
23 नवंबर 2019 को घायल के भतीजे ने कोतवाली कोंच में तहरीर देकर धारा 307, 323, 504, 506 के तहत मामला पंजीकृत कराया। इलाज के दौरान हरिमोहन की मौत हो गई। तब पुलिस ने धारा 302 बढ़ाकर उक्त आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उक्त आरोपी तभी से जेल में बंद है। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर न्यायालय में भेज दिया था। तब से मामला अपर जिला जज प्रथम शिव कुमार के यहां विचाराधीन था। बुधवार को सुनवाई के दौरान अपर एडीसी महेंद्र विक्रम ने अच्छी बहस के बाद आरोपी को धारा 304 के तहत दोषी साबित कर दिया। दोषी पाए जाने पर न्यायाधीश शिव कुमार ने उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई और 13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।