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Ballia News: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में 28 सहायक आचार्यों की नियुक्ति के मामले ने तूल पकड़ा

Ballia News: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में 28 सहायक आचार्यों की नियुक्ति व अवैध भुगतान के प्रयास को लेकर सुर्खियों में आ गया है।

Karuna Sindhu Singh
Published on: 17 Nov 2022 1:47 PM GMT
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 विश्वविद्यालय की वित्त एवं लेखाधिकारी ममता सिंह



 


Ballia News: कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक के अनियमितता का मसला अभी ठंडा भी नही पड़ा था कि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय 28 सहायक आचार्यों की नियुक्ति व अवैध भुगतान के प्रयास को लेकर सुर्खियों में आ गया है। विश्वविद्यालय की वित्त एवं लेखाधिकारी ममता सिंह ने अवैध भुगतान के लिए विश्वविद्यालय की कुलपति पर दबंगई कर बंधक बनाने का आरोप लगाया है। वहीँ विश्वविद्यालय की कुलपति ने आरोपों को निराधार करार दिया है।

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की स्मृति में स्थापित जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में गत दिनों हुई 28 सहायक आचार्यों की नियुक्ति के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विश्वविद्यालय ने बीते साल दिसंबर 2021 में रिक्त एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। जिसके बाद नियुक्ति की पहली सूची गत 14 अगस्त और दूसरी सूची गत 29 अगस्त को जारी हुई।

दोनों सूचियों में एसोसिएट प्रोफेसर के चार पदों पर प्रभावशाली अभ्यर्थियों व असिस्टेंट प्रोफेसर के 16 आर्थिक रूप से कमजोर और सामान्य जाति के अनारक्षित पदों में से 13 पर एक ही जाति विशेष से जुड़े लोगों के चयन के बाद प्रदेश शासन ने एक शिकायतकर्ता की शिकायत पर नियुक्ति प्रक्रिया में हुई। अनियमितता की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित किया है।

जांच समिति के अध्यक्ष निदेशक, उच्च शिक्षा बनाए गए हैं तथा जिलाधिकारी, बलिया समिति के सदस्य और कुल सचिव, जन नायक चन्द्रशेखर विश्व विद्यालय सदस्य सचिव हैं। विश्वविद्यालय की वित्त एवं लेखाधिकारी ममता सिंह ने विश्वविद्यालय की कुलपति पर अवैध भुगतान के लिए दबंगई कर बंधक बनाने का आरोप लगाया है।

ममता सिंह बलिया की वरिष्ठ कोषाधिकारी हैं। विश्वविद्यालय में वित्त एवं लेखाधिकारी का पद सृजित नही है। वरिष्ठ कोषाधिकारी को ही विश्वविद्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी का प्रभार सौंपा गया है। वित्त एवं लेखाधिकारी ममता सिंह ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय की कुलपति द्वारा गत 10 नवम्बर को एक बैठक बुलाई गई। बैठक में वह सम्मिलित हुई। बैठक समाप्त होने के बाद उनको विश्वविद्यालय के एक कमरे में बंद कर दिया गया और उन पर जबरन सहायक आचार्य के पद पर नियुक्त हुए सहायक आचार्यो के वेतन भुगतान के कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया।

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा यह प्रकरण प्रदेश शासन को मार्ग निर्देश के लिए संदर्भित किया गया है तथा प्रदेश शासन के निर्देश के उपरांत ही कोई कार्यवाही की जा सकती है, यह जानकारी देने के बाद कुलपति ने खुद अपना कमरा बंद करा दिया और कुलपति के कहने पर उनको बंधक बना लिया गया।

लेखाधिकारी ममता सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल से की है तथा सुरक्षा की गुहार लगाई है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पांडेय ने आरोपों को निराधार करार दिया है। उन्होंने बताया कि बंधक बनाने जैसी कोई घटना नही हुई है। वित्त एवं लेखाधिकारी से नव नियुक्त शिक्षक व आचार्यों को वेतन देने का निर्देश दिया था। दरवाजे में स्टॉपर लगा हुआ है। इसलिए दरवाजा अपने से बंद हो जाता है। वित्त एवं लेखाधिकारी खुद दरवाजा खोल कर बाहर निकली। वित्त एवं लेखाधिकारी की भाषा अमर्यादित है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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