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Meerut News: जाट-मुस्लिम-गुर्जर कॉन्बिनेशन बन सकता है सपा और रालोद के बीच टकराव की वजह
Meerut News: 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल पश्चिमी यूपी की सियासत में दोंनो पार्टियों के बीच कभी भी टकराव के आसार बन रहे हैं।
Meerut News: 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok sabha election 2024) के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (Samjwadi Party) और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) पश्चिमी यूपी की सियासत में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए जिस तरह से जाट-मुस्लिम-गुर्जर कॉन्बिनेशन बनाने की कोशिश में जुटे हैं उसके कारण दोंनो पार्टियों के बीच कभी भी टकराव के आसार बन रहे हैं। दोंनो ही पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं की मानें तो अगर अखिलेश यादव और चौधरी जयंत सिंह जाट, गुर्जर और मुस्लिम फॉर्मूले पर इसी तरह लगे रहते हों तो 2024 चुनाव से पहले ही सपा-रालोद की राहें फिर से जुदा हों सकती है।
जाट, गुर्जर और मुस्लिम फॉर्मूले को लोकसभा चुनाव में लागू करने की कोशिश
दरअसल, खतौली उपचुनाव में रालोद को जाट, गुर्जर और मुस्लिम फॉर्मूले पर मिली जीत के बाद जयंत इस समीकरण (जाट, गुर्जर और मुस्लिम) को और भी मजबूत बनाने में जुट गए हैं। जयंत चौधरी ने युवा गुर्जर चेहरे और अपने विधायक चंदन चौहान को युवा इकाई का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया हैं। चंदन चौहान बिजनौर लोकसभा से सांसद रहे संजय चौहान के बेटे हैं। यही नहीं उनके दादा नारायण सिंह यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा पूर्व सिंचाई मंत्री डा.मैराजुउद्दीन अहमद,पूर्वल सांसद अमीर आलम जैसे पश्चिमी यूपीके प्रमुख मुसलमान नेता पहले ही रालोद के राष्ट्रीय महासचिव पदों पर हैं।
वहीं पिछले दिनों गठित सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी मेरठ मंडल में मेरठ से गुर्जर नेता नीरज पाल चौधरी को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। नीरज पाल के पिता हरीश पाल सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा पश्चिमी यूपी में जाटों की अहमियत देखते हुए गाजियाबाद से जुड़े जाट नेता राजेंद्र चौधरी को राष्ट्रीय सचिव बनाया है। जिला मुजफ्फरनगर से चार बार विधायक और एक बार राज्यसभा सांसद रहे हरेंद्र मलिक को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महासचिव बनाया हैं। इनका बेटे पंकज मलिक फिलहाल सपा से विधायक है। कुल मिला कर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पांच जाट हैं।
पश्चिमी यूपी में मुस्लिमों के साथ जाट जातियों को ख़ास तवज्जो
मुसलमानों को अपने पाले में रखने के लिए रामपुर के बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान के अलावा पूर्व मंत्री कांठ विधायक कमाल अख्तर, अमरोहा से जावेद आब्दी और संभल से जावेद अली (राज्यसभा सांसद) को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी है। मेरठ से आकिल मुर्तजा को राष्ट्रीय सचिव बनाया है। कुल मिला कर सपा द्वारा पश्चिमी यूपी में मुस्लिमों के साथ ही जाट जातियों के नेताओं को खास तवज्जो दी जा रही है।
सपा और उसकी सहयोगी रालोद के बीच हो सकती है टकराव
इस तरह देखा जाए तो पश्चिमी यूपी की सियासत में सपा और उसकी सहयोगी रालोद के बीच जाट-मुस्लिम के साथ गुर्जरों को भी जोड़ने की आपस में होड़ सी लगी है। यह होड़ दोंनो दलों के बीच कभी भी टकराव का कारण बन सकती है। यहां बता दें कि जैसा कि रालोद के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि सपा में जाट नेताओं को अहमियत दिया जाना रालोद को सबसे अधिक अखर रहा है।
क्योंकि इसको पश्चिमी यूपी की सियासत में रालोद को कमजोर करने की कोशिश के रुप में देखा जा रहा है। कारण साफ है कि मुजफ्फरनगर दंगे के बाद हुए कुछ चुनावों को छोड़ दें तो पश्चिमी यूपी की सियासत में जाट मतदाताओं में रालोद की पकड़ मजबूत मानी जाती रही है। वहीं सपा को रालोद का गुर्जर और मुस्लिम नेताओं को अहमियत दिया जाना नहीं भाता है।