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CBI Raid in Jaunpur: एफसीआई गोदाम पर CBI का छापा, हिरासत में लिए तीन कर्मचारी
CBI Raid in Jaunpur: एफसीआई गोदाम में सीबीआई की टीम ने छापा मारा। चावल की आपूर्ति में अवैध धन वसूली के मामले में टीम ने करीब पांच घंटे तक तीन कर्मियों से पूछताछ की।
CBI Raid in Jaunpur: शाहगंज तहसील क्षेत्र स्थित ताखा पश्चिम रेलवे फाटक के पास एफसीआई गोदाम में गुरुवार की दोपहर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने छापा मारा। लेवी के चावल की आपूर्ति में अवैध धन वसूली के मामले में हुई इस कार्रवाई से एफसीआई के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। टीम ने करीब पांच घंटे तक तीन कर्मियों से पूछताछ की।
इस दौरान कुछ नकदी भी बरामद किए जाने की सूचना है। रात आठ बजे तक छापे की कार्रवाई जारी रही। सूत्रों से पता चला कि लेवी के चावल की सप्लाई में गुणवत्ता परख के नाम पर धन उगाही किए जाने की शिकायत मिली थी। जिसके क्रम में सीबीआई की टीम ने छापे की कार्रवाई की।
ये है मामला
ताखा पश्चिम स्थित रेलवे फाटक के समीप केंद्रीय भंडारण निगम के गोदाम में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अपने अनाज को रखता है। वहीं कैंपस में ही विभागीय ऑफिस भी मौजूद हैं। जिसमें तैनात कर्मचारियों के संबंध में सीबीआई को शिकायत मिली कि लेवी के चावल की सप्लाई में गुणवत्ता परख के नाम पर अच्छी खासी रकम की वसूली की जा रही है।
इस शिकायत पर सीबीआई की एक टीम गठित हुई और गुरुवार की दोपहर एफसीआई गोदाम पर पहुंची। टीम ने मौके से तीन कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। जबकि अन्य कर्मचारी मौके से भागने में कामयाब हो गए। टीम ने कार्यालय से कुछ नकदी बरामद किया है। टीम में शामिल सदस्यों ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इन्कार किया। उधर, एफसीआई से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी अपना मोबाइल भी बंद कर लिए।
छापेमारी के बाद तीन कर्मचारियों को हिरासत में लेकर की पूछताछ
एफसीआई के गोदाम में छापे की कार्रवाई के दौरान टीम ने तीन कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरू किया तो रात करीब साढ़े आठ बजे एक कर्मचारी की हालत बिगड़ गई। ऐसे में कड़ी सुरक्षा के बीच उसे सीएचसी ले जा कर वहां उसका इलाज कराया गया। इस बाबत सीबीआई टीम और जिला अस्पताल के चिकित्सक के बयान में भिन्नता है।सीबीआई के लोग कहते है तबीयत खराब हुई और मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार सम्बन्धित युवक को पैर चोटे आयी है। अब सवाल इस बात का है कि गिरफ्तार युवक को चोट कैसे आई है यह जांच का बिषय है। क्या इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो सकेगी?