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Jaunpur News: गमगीन माहौल में शीराजे हिन्द का ऐतिहासिक चेहलुम सम्पन्न
Jaunpur News: इमाम दरगाह शेख मुहम्मद इस्लाम से उठा जुलूस देर रात सदर इमाम दरगाह पहुँचा जहाँ या हुसैन अलविदा की सदा के साथ नम आँखों से सभी ताजिये एवं तुर्बत सुपुर्दे खाक किये गये
Jaunpur News Shiraje Hind Chehlum gloomy Imam Dargah Sheikh Muhammad Islam Sadar Imam Dargah (Social Media)
Jaunpur News: शीराजे हिन्द जौनपुर का एतिहासिक चेहलुम शनिवार हो गमगीन माहौल में शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। इमाम दरगाह शेख मुहम्मद इस्लाम से उठा जुलूस देर रात सदर इमाम दरगाह पहुँचा जहाँ या हुसैन अलविदा की सदा के साथ नम आँखों से सभी ताजिये एवं तुर्बत सुपुर्दे खाक किये गये।
कार्यक्रम का आरम्भ शुक्रवार को रात 8 बजे इमाम चौक पर ताजिया रखने से हुआ। तत्पश्चात शब्बेदारी के आयोजनार्थ एक मजलिस हुई. जिसकी समाप्ति पर जौनपुर नगर एवं बाहर से आयी अंजुमनों ने नौहा व मातम अनवरत रूप से रातभर किया गया। प्रात: 5 बजे एक मजलिस हुयी, जिसके बाद आग में दहकती जंजीरों का मातम अंजुमन गुलशने इस्लाम रजिस्टर्ड ने किया इस कार्यक्रम का संचालन सैय्यद अकबर हुसैन जैदी एडवोकेट ने किया।
दूसरे दिन शनिवार को कार्यक्रम का आरम्भ दोपहर 1 बजे मजलिस से हुआ, जिसको मौलाना सैय्यद नदीम जैदी फैजाबादी ने सम्बोधित किया। मजलिस की समाप्ति पर इमामबाड़े से एक ऐतिहासिक तुर्बत निकाली गयी जो ताजिये के साथ एक जुलूस के रूप में अपने निर्धारित रास्तों पानदरीबा रोड, हमाम दरवाजा, काजी की गली, पुरानीबाजार होते हुये सदर इमामबाडा जौनपुर पर समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन सैयफ कबीर जैदी ने किया।
इस ऐतिहासिक चेहलुम को पूरे देश में मनाये जाने वाले चेहलुम से एक दिन पूर्व मनाया जाता है। इसके इतिहास को देखते हुए देश के विभिन्न हिस्सो से हजारो की तादाद में जायरीन शिरकत के लिए पहुँचते हैं। उल्लेखनीय है कि इस इमाम बारगाह एवं जुलूस के बानी शेख मुहम्मद इस्लाम मरहूम किसी मामले में गलत ढंग से फंसा दिये गये और उन्हें जेल हो गयी तो उनके द्वारा जो ताजिया 7 मोहर्रम को रखा जाता था, उसको उनके द्वारा जेल से छूटने पर उठाने की खबर दी गयी। इधर चेहलुम करीब आया तो उनको ख्वाब में देखा कि मुझे रिहा कर दिया गया है। चमत्कारिक तरीके से उन्हें जिस दिन रिहा किया गया, वह 18 सफर थी। जेल से छूटने के उनके द्वारा रातभर मजलिस मातम करके दूसरे दिन 19 सफर को ताजिया को उठाया गया, जिसे उस वक्त के काजी के अनुरोध पर काजी की गली से होते हुए सदर इमाम बारगाह पर दफन किया गया। इस इमामबारगाह एवं चेहलुम का इंतेजाम एवं देखरेख मीर मुजफ्फर हुसैन जैदी के खानदान के लोग करते है।
इस ऐतिहासिक चेहलुम को शान्तिपूर्ण ढंग से मनाये जाने पर हाजी सैय्यद असगर हुसैन जैदी मुतवल्ली, सैय्यद कबीर जैदी, सैय्यद जाफर जैदी, सैय्यद जमीर जैदी, सैय्यद जफर जैदी, सैय्यद अकबर हुसैन जैदी एडवोकेट एवं कार्यकारी मुतवल्ली सैय्यद लाडले जैदी ने प्रशासन का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया है ।