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Jaunpur: 80 प्रतिशत विकलांग धारा 376 का मुजरिम, बदलापुर पुलिस के कारनामे की जेल निरीक्षण में खुली पोल
Jaunpur News: सचिव (पूर्णकालिक), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निरीक्षण के दौरान पता चला कि जिला कारागार में एक विकलांग व्यक्ति निरुद्ध है
Jaunpur News: सचिव (पूर्णकालिक), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निरीक्षण के दौरान पता चला कि जिला कारागार में एक विकलांग व्यक्ति निरुद्ध है जिसका नाम विजलेश पुत्र रामगुलाब पता ठाठर थाना आसपूर देवसरा जिला प्रतापगढ़ है। इसे मुअसं 336/22 थाना बदलापुर धारा 366, 376, 120 आईपीसी जिला जौनपुर के प्रकरण में जिला कारागार में निरूद्ध किया गया है। पूछने पर चिकित्साधिकारी डा. रविराज द्वारा बताया गया कि उक्त बंदी 80 प्रतिशत शारीरिक रूप से विकलांग है, तथा चलने फिरने में असमर्थ है एवं उक्त बंदी को दैनिक क्रिया कलाप करने हेतु भी किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है।
सचिव ने नाराजगी व्यक्त करते हुए विधिक सहायता हेतु किए निर्देशित
इस पर सचिव द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए उसको विधिक सहायता हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही उक्त बंदी के संबंध में चिकित्साधिकारी डा. रविराज से आख्या लेते हुए उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ को विस्तृत आख्या प्रेषित करने को निर्देशित किया गया।
जिला कारागार में कुल 1182 बन्दी है: जेलर
सचिव (पूर्णकालिक), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक विक्रम ने अवगत कराया है कि उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के सदस्य सचिव संजय सिंह द्वारा विशेष कार्याधीकारी भागीरथ वर्मा, सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,विवेक विक्रम की उपस्थिति में जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया गया। जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया द्वारा बताया गया कि जिला कारागार में कुल 1182 बन्दी है, जिनमें 188 पुरूष तथा 07 महिला सिद्धदोष बन्दी हैं तथा 863 पुरूष तथा 50 महिलाएं एवं 43 अल्पवयस्क विचाराधीन बन्दी तथा प्रशासनिक आधार पर अन्य कारागार से प्राप्त बंदियों की संख्या 30 है। कारागार में निरूद्ध महिला बन्दियों के साथ कुल 08 बच्चे हैं।
बन्दियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिकित्सकों की टीम का गठन
उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के सदस्य सचिव संजय सिंह, कारागार में साफ-सफाई को इंगित करते हुए साफ-सफाई की व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने के लिए जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया को निर्देशित किया। जेलर द्वारा यह भी बताया गया कि बन्दियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हेतु जिला चिकित्सालय से चिकित्सकों की एक टीम का गठन भी किया गया है, जिनके द्वारा प्रत्येक बुधवार को बन्दियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
जेल अधीक्षक को यह भी निर्देशित किया गया कि वह मुख्य चिकित्साधिकारी से सामंजस्य स्थापित करते हुए बंदियों की एचआईवी की जांच नियमित अंतराल पर कराना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त बंदियों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता स्तर हीन पाई गई तथा जेलर को कड़ाई से निर्देशित किया कि बंदियों को उचित गुणवत्ता के भोजन दिलायें जाने की समुचित व्यवस्था करें।
मामलों में उच्च न्यायालय में अपील
निरीक्षण के दौरान उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के सदस्य सचिव संजय सिंह, द्वारा बताया गया कि ऐसे विचाराधीन बन्दी जो अपने वादों में पैरवी हेतु अधिवक्ता करने में अक्षम है तथा ऐसे सिद्धदोष बन्दी जो अपने मामलों में उच्च न्यायालय में अपील करने में अक्षम हों वह कारागार अधीक्षक के माध्यम से अपने प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत कर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं। कैदियों के नाबालिग होने की संभावना को देखते हुए जन्म प्रमाण पत्र मंगवाने की सलाह दी गई। समयपूर्व रिहाई के पात्र बन्दियों को चिन्हित कर उनके प्रार्थना पत्र तैयार कर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
इस अवसर पर ये रहे मौजूद
जेलर द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कारागार स्तर पर किसी भी सिद्धदोष बन्दी की जेल अपील लम्बित नहीं है सभी बंदियों की अपील की जा चुकी है। इस अवसर पर जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया, डिप्टी जेलर राजकुमार सिंह, धर्मेन्द्र सिंह व सुषमा शुक्ला, चिकित्साधिकारी डॉ. रविराज, फार्मासिस्ट सतीश गुप्ता तथा जेल पीएलवी गण व अन्य उपस्थित रहे।