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Jaunpur: धनंजय सिंह के खिलाफ अपहरण और रंगदारी केस में नया मोड़, कोर्ट में मुकर गया आरोप लगाने वाला

Jaunpur News: अभिनव सिंघल ने बयान दिया कि न तो उसका अपहरण हुआ था और ना ही उनसे रंगदारी मांगी गई थी। वह अपनी इच्छा से पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह के घर गए थे।

Kapil Dev Maurya
Written By Kapil Dev MauryaPublished By aman
Published on: 15 April 2022 1:38 PM GMT
Jaunpur News twist in the kidnapping and extortion case against Dhananjay Singh
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धनंजय सिंह (फाइल फोटो)

Jaunpur News : नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल (Abhinav Singhal) के अपहरण और रंगदारी मामले में नया मोड़ तब आया जब वादी कोर्ट (court) में अपने द्वारा लगाए गए आरोपों से मुकर गया। हुआ यूं, कि अभिनव सिंघल जब कोर्ट में हाजिर हुए तो उस दौरान बाहुबली नेता धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) और उनके साथी विक्रम सिंह के ऊपर लगाए अपने आरोपों से पलट गए।

बता दें, कि अपर सत्र न्यायाधीश- 6 एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) में आज, शुक्रवार को अभिनव सिंघल ने बयान दिया, कि न तो उसका अपहरण हुआ था और ना ही उनसे रंगदारी मांगी गई थी। वह अपनी इच्छा से पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह के घर गए थे। कोर्ट ने उसे पक्ष द्रोही घोषित कर अगले गवाह सत्य प्रकाश को गवाही के लिए 21 अप्रैल को तलब किया है।

क्या है मामला?

गौरतलब है, कि 10 मई 2020 को जौनपुर जिले के लाइन बाजार थाने में मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम पर केस दर्ज करवाया था। सिंघल का आरोप था कि विक्रम दो साथियों के साथ उसका अपहरण कर धनंजय सिंह के आवास पर ले गए। वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया। अभिनव द्वारा इंकार करने पर पूर्व सांसद ने जान से मारने की धमकी दी और रंगदारी भी मांगी।

एफआईआर दर्ज होने के बाद इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार भी हुए थे। बाद में इस मामले में वो जमानत पर रिहा हुए। पिछली तारीख पर धनंजय और विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया कि वादी पर दबाव डालकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उच्च अधिकारियों के दबाव में चार्जशीट दाखिल की गई। वादी ने पुलिस को दिए बयान व धारा- 164 के बयान में घटना का समर्थन नहीं किया है।

वादी पर मुकदमा वापस लेने का दबाव

शासकीय अधिवक्ता ने लिखित आपत्ति दाखिल की। शासकीय अधिवक्ता का तर्क था, कि वादी की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई। सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मैसेज, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित है। वादी पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपियों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था। अगली तिथि पर दोनों आरोपित न्यायालय में उपस्थित हुए और आरोप तय हुआ था।

अगली तारीख 21 अप्रैल

इसके बाद, कोर्ट ने अभिनव को गवाही के लिए तलब किया था। मगर, कोर्ट में दिए गए बयान में वादी अभिनव सिंघल ने कहा, कि 'वह स्वेच्छा से धनंजय सिंह के घर गया था। ना तो उसका अपहरण हुआ था और ना ही उसे किसी भी तरह की रंगदारी मांगी गई थी। पूरे बयान ने पुलिस की विवेचना पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। अगली तिथि 21 अप्रैल मुकर्रर की है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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