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पुलिस और प्रशासन ने मिलकर भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष को बना दिया गुंडा

पुलिस कितनी बेलगाम है हो गई है इसका एक उदाहरण जौनपुर जनपद में देखने को मिल रहा है।

Kapil Dev Maurya
Published on: 21 May 2021 3:56 PM GMT
bjp neta
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मीडिया के सामने अपना दुखड़ा सुनाते बीजेपी नेता आनन्द बरनवाल (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

जौनपुर। भाजपा के शासन काल में सरकारी तंत्र खास कर पुलिस कितनी बेलगाम है हो गई है इसका एक उदाहरण जौनपुर जनपद में देखने को मिल रहा है। यहां पुलिस और प्रशासन ने मिलकर बीजेपी नेता को ही सरकारी अभिलेख में गुंडा बना दिया। बीजेपी कार्यकर्ता सरकारी तंत्र के टाप टू बाटम सभी अधिकारियों एवं सत्ता के शीर्ष पर बैठे भाजपा नेताओं के यहां अर्जी लगाते थक गया है। उसे किसी भी स्तर से न्याय नहीं मिल सका है। वर्तमान समय में वह सरकारी अभिलेख में एक कथित अपराधी माना जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ता के साथ घटित यह घटना सरकार सहित पूरे सरकारी तंत्र को कटघरे में खड़ा करता है।

बता दें कि जनपद के थाना खेतासराय क्षेत्र स्थित ग्राम गोरारी निवासी आनन्द बरनवाल पुत्र जय प्रकाश बरनवाल भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष हैं और विगत दो पंचवर्षीय में ग्राम पंचायत के प्रधान भी रहे हैं। वर्ष 2016 में उनके गांव के पास मुहर्रम के दौरान हिन्दू—मुस्लिम के बीच कुछ विवाद के दौरान थानेदार की शिकायत इनको मंहगी पड़ गयी। एसपी की डांट से नाराज दरोगा ने इन्हें भी मल्जिम बना दिया। फिर वर्ष 2017 में 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती के दिन दलित और मुस्लिम जनों के बीच समझौता कराने गए बरनवाल को फिर पुलिस ने अपने अभिलेख में मुल्जिम बना दिया।


इसके बाद वर्ष 2020 में थाना खेतासराय की पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 3(1) गुण्डा एक्ट अधिनियम, गुण्डा नियंत्रण अधिनियम 1979 के तहत अपनी रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधीक्षक जौनपुर को भेजते हुए एक खतरनाक अपराधी घोषित कर दिया। थाने से आयी रिपोर्ट के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा प्रदत्त अधिकार के तहत अपर जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश जारी कर आनंद बरनवाल के खिलाफ गुण्डा एक्ट की कार्यवाही करने का आदेश दे दिया है।

पुलिस और प्रशासन के इस आदेश के खिलाफ आनन्द बरनवाल जिला प्रशासन के डीएम, एसपी, आईजी, डीआईजी, कमिश्नर सहित प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर खुद को भाजपा का सिपाही बताते हुए न्याय की गुहार लगाया है। आनन्द बरनवाल का कहना है कि उसे आज तक किसी भी स्तर से न्याय नहीं मिला। किसी भी स्तर पर उसके प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया गया है। हालांकि वह लगातार मांग कर रहे हैं कि घटना की सीबीसीआईडी से जांच करा लिया जाये और हमारे दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरा का फुटेज भी देखा जाये। अगर हम कहीं से मारपीट अथवा साम्प्रदायिक दंगा फसाद में संलिप्त पाये जायें तो जो भी सजा मिलेगी स्वीकार होगा।

सरकार एवं सरकारी तंत्र से निराश आनन्द बरनवाल आज मीडिया के समक्ष अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि जब भाजपा के शासन काल में भाजपा के सिपाही को न्याय नहीं मिल रहा है, तो आम जनों की क्या दशा होगी, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। हालांकि अब पीड़ित आनन्द बरनवाल अपर जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी में हैं।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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