जौनपुर: तलब हुए प्रमुख सचिव सहित PWD के अधिकारी, जंगल की जमीन का मामला

बतादे कि शासन स्तर से रसैना मार्ग से सादीपुर हरिजन बस्ती के लिए एक सड़क स्वीकृत हुईं और उसके लिए 50 लाख रुपये भी शासन ने पीडब्लूडी को सड़क निर्माण के लिये जारी कर दिया ।

Roshni Khan
Published on: 7 Jan 2021 1:00 PM GMT
जौनपुर: तलब हुए प्रमुख सचिव सहित PWD के अधिकारी, जंगल की जमीन का मामला
X
जौनपुर: तलब हुए प्रमुख सचिव सहित PWD के अधिकारी, जंगल की जमीन का मामला (PC: social media)

जौनपुर: जनपद के विकास खण्ड सिरकोनी क्षेत्र स्थित ग्राम सादीपुर में जंगल की जमीन पर क्षेत्रीय विधायक की सह पर बनाये जा रहे सड़क का मामला HC इलाहाबाद पहुंचते ही कोर्ट ने सड़क निर्माण करने वाली कारदायी संस्था पीडब्लूडी के प्रमुख सचिव से लेकर अधिशासी अभियंता एवं जेई एई तक को हाईकोर्ट में तलब कर लिया है और निर्देश दिया है जंगल की जमीन से सभी अतिक्रमण हटाते हुए 11जन. 21 को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें।

ये भी पढ़ें:LAC पर युद्ध को तैयार चीन, इस तरह पाकिस्तान को बना रहा अपना हथियार

सड़क बनाने के लिए चक मार्ग बना हुआ था

बतादे कि शासन स्तर से रसैना मार्ग से सादीपुर हरिजन बस्ती के लिए एक सड़क स्वीकृत हुईं और उसके लिए 50 लाख रुपये भी शासन ने PWD को सड़क निर्माण के लिये जारी कर दिया । सड़क बनाने के लिए चक मार्ग बना हुआ था। इसके बाद भी विधायक जफराबाद के दबाव में आकर PWD विभाग विधायक के एक स्वजातीय को लाभ पहुंचाने के लिए जंगल खाते की जमीन से सड़क बनाने लगा। सादीपुर के ग्रमीण जनों ने इसका विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जिला प्रशासन के पास एक दर्जन से अधिक शिकायती पत्र दिया लेकिन विधायक के दबाव में प्रशासन स्तर से कोई रोक नहीं किया गया। सड़क बदस्तूर बनती रही।

jaunpur jaunpur (PC: social media)

एक याचिका हाई कोर्ट में दाखिल कर दिया

प्रशासन की अनदेखीयों से परेशान हो कर ग्राम वासी उदय भान सिंह ने सितम्बर 2020 में पीआईएल संख्या 1070 /20 उदय भान सिंह बनाम स्टेट यूपी एवं 6 अन्य के नाम एक याचिका हाई कोर्ट में दाखिल कर दिया। आज 7 जनवरी 21 को वादी के अधिवक्ता की बहस के पश्चात कोर्ट ने माना कि PWD ने गलत तरीके से जंगल खाते की जमीन पर सड़क बनाया है। मामले को संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव लखनऊ एवं अधिशासी अभियंता सहित जेई एई पीडब्लूडी जौनपुर को 11 जनवरी 21 को हाईकोर्ट में तलब कर लिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जंगल खाते की जमीन पर बनायी गयी सड़क सहित हर तरह के अतिक्रमण को हटाते हुए कोर्ट में उपस्थित हो कर अपना पक्ष रखें कि जंगल की जमीन पर रोक के बाद भी सड़क क्यों और कैसे बनाया है।

क्षेत्रीय विधायक इस सड़क के निर्माण को लेकर अपनी प्रतिष्ठा लगाये हुए थे

यहाँ बतादे कि क्षेत्रीय विधायक इस सड़क के निर्माण को लेकर अपनी प्रतिष्ठा लगाये हुए थे और सीधे कहते रहे कि हम ही सब कुछ है जो हम चाहेंगे वहीं होगा। लेकिन मामला हाई कोर्ट जाने के बाद आज हाई कोर्ट की डबल बेंच के न्यायाधीश द्वारा जारी किये गये आदेश से अपनी प्रतिष्ठा बनाने वालों को मुंह की खानी पड़ी है।

ये भी पढ़ें:LAC पर युद्ध को तैयार चीन, इस तरह पाकिस्तान को बना रहा अपना हथियार

कोर्ट के आदेश का पालन यदि कारदायी संस्था के अधिकारी नहीं करते हैं

उधर पीआईएल दाखिल करने वाले याची सहित गांव के ग्रामीण जनो का यह भी कथन है कि कोर्ट के आदेश का पालन यदि कारदायी संस्था के अधिकारी नहीं करते हैं अथवा किसी तरह का झूठ फरेब करेंगे तो सड़क की फोटो आदि लेकर कोर्ट को सच से अवगत कराया जायेगा। हलांकि हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब इस सड़क का निर्माण खटाई में चला जायेगा। अब सवाल यह खड़ा होना तय है कि जब जंगल की जमीन पर सड़क बनाया जाना मना था तो जो सरकारी धन का अपव्यय किया गया है उसकी भरपायी कौन और कहां से करेगा।

रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story