TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Jaunpur News: लाल बहादुर यादव बोले, बजट में किसानों के साथ धोखा

यादव ने कहा की कृषि से जरूरी ढांचागत पूजी निवेश के लिए बजट में राशि आवंटन के बजाय भविष्य में इसके लिए एक फंड स्थापित कर डेढ़ लाख करोड़ रुपए जुटाने का आश्वासन दिया है।

Roshni Khan
Published on: 2 Feb 2021 4:36 PM IST
Jaunpur News: लाल बहादुर यादव बोले, बजट में किसानों के साथ धोखा
X
Jaunpur News: लाल बहादुर यादव बोले, बजट में किसानों के साथ धोखा (PC: social media)

जौनपुर: समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव ने केन्द्र सरकार के बजट पर तिखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा जहाँ आज लोग आशा लगायें थे कि इस बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान होगा वहीं सरकार ने बजट में किसानों के लिए 16.5 लाख कृषि ऋण को प्रावधान किया गया हैं। किसानों की आय बढ़ाने की लिए वित्त मंत्री से ठोस गेम चेंजर योजना की उम्मीद थी लेकिन इस बजट ने यह संकेत करता है कि 2022 तक किसानों की आय दुगना होना तो अब दूर की कौड़ी है। हां किसानों का कर्ज निश्चित रुप से जरूर दुगनी होता दिख रहा हैं।

ये भी पढ़ें:राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस ने बनाई चुनाव समिति, कई सीनियर लीडर्स को टीम में जगह

खेती के लिए सकल बजट आवंटन लगभग 7% की कमी की गई है

यादव ने कहा की कृषि से जरूरी ढांचागत पूजी निवेश के लिए बजट में राशि आवंटन के बजाय भविष्य में इसके लिए एक फंड स्थापित कर डेढ़ लाख करोड़ रुपए जुटाने का आश्वासन दिया है। खेती के लिए सकल बजट आवंटन लगभग 7% की कमी की गई है। वहीं किसान सम्मान निधि के लिए प्रावधान इस राशि में भी लगभग 13% की कमी कटौती की गई है और कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में पहले की भांति डेढ़ गुना बढ़ोतरी करने की तोतारटंत बात तो की गई।

सार्वजनिक संपत्तियां को बेचकर आर्थिक संसाधन जुटाने की बात की जा रही है

किंतु बेहद जरूरी स्वामीनाथन कमेटी की तर्क संगत अनुशंसा सीटू प्लस फार्मूले की आधार पर कृषि लागत गणना करने की बात अभी भी नहीं की गई देश के हर नागरिक पर कर्जा अर्थात पर कैपिटा ऋण राशि पिछले कुछ सालों में बढ़कर लगभग दुगनी हो गई है और अंत में यह पेपर लेश बजट उद्घोष करता हुआ नजर आया कि सार्वजनिक संपत्तियां को बेचकर आर्थिक संसाधन जुटाने की बात की जा रही है।

ये भी पढ़ें:कृषि कानून पर बहस की मांग को लेकर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 5 बजे तक स्थगित

अब एयरपोर्ट बिकेगा, सड़कें बिकेगी, बिजली ट्रांसमिशन लाइन ,रेलवे का डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के हिस्से, गेल, इंडियन आयल की पाइप लाइन और स्टेडियम भी बिकेंगे , वेयरहाउस वगैरह सब कुछ बेचेगी। सरकार ने अगर यह तीनों कानून रद्द नहीं हुए तो इस देश के खेत खलियान भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों कौडियों में बिक जाएगा। पहली बार भारत में इस तरह से सरकारी संपत्तियों की सरकारी "महा सेल " लग रही है

रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story