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Jaunpur News: 80 प्रतिशत अस्पतालों में नहीं है आग से बचाव के उपकरण, जिम्मेदार अधिकारी आखिर क्यों हैं मौन
Jaunpur News: अग्निशमन विभाग ने इस जगह के लिए एनओसी नहीं दी है और शिक्षण संस्थान, ओपीडी, छात्रावास आदि तमाम सुविधाएं चल रही हैं। जिससे यहां हजारों छात्र-छात्राओं और मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।
Jaunpur News: झांसी के एक निजी अस्पताल में 10 मासूम बच्चों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि जिले के मेडिकल कॉलेज समेत ज्यादातर निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा उपकरण नहीं हैं। जिले के करीब 800 निजी अस्पतालों में से सिर्फ 10 फीसदी यानी सिर्फ 80 अस्पताल ही मानकों को पूरा करते हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी खामोश हैं। उमानाथ सिंह स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के शैक्षणिक भवन में सिर्फ अग्नि सुरक्षा उपकरण लगे हैं। इसके अलावा ओपीडी, पैथोलॉजी, कार्यालय, लाइब्रेरी में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। अगर यहां कभी आग लगने की घटना हुई तो बड़ा हादसा हो सकता है।
अग्निशमन विभाग ने इस जगह के लिए एनओसी नहीं दी है और शिक्षण संस्थान, ओपीडी, छात्रावास आदि तमाम सुविधाएं चल रही हैं। जिससे यहां हजारों छात्र-छात्राओं और मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। इसके अलावा शहर के नईगंज क्षेत्र में वाजिदपुर से लेकर पॉलीटेक्निक, वाजिदपुर से लेकर जिला मुख्यालय पर जेसीज चौराहा तक करीब 350 अस्पताल हैं। इसमें भी अधिकांश किराए के भवनों में चल रहे हैं। अग्निशमन विभाग की टीम जब यहां निरीक्षण के लिए आती है तो किराएदार होने की शिकायत करती है। भवन स्वामियों का कहना है कि तीन से चार लाख के उपकरण लगवाएं और ये डॉक्टर कभी भी चले जाएंगे। फिर भविष्य में इसका उपयोग कौन करेगा। ऐसे में अधिकांश अग्निशमन यंत्र लगाकर काम चला रहे हैं। ऐसे में यहां कोई बड़ी घटना घटित हुई तो बचाव के उपाय नाकाफी साबित होंगे।
जिला महिला अस्पताल के नए भवन में लगे उपकरण रखरखाव के अभाव में जंग खा रहे हैं। ऐसे में आग लगने पर मरीजों व उनके तीमारदारों को बचाना मुश्किल हो जाएगा। जिला अस्पताल में अभी तक पुरानी व्यवस्था के तहत अग्नि सुरक्षा उपकरण लगाए गए थे। बताया गया है कि अब शासन से अनुमति मिलने के बाद जिला अस्पताल में 2.75 करोड़ के नए अग्निशमन उपकरण लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह से देखा जाए तो जिले में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम किए बिना ही अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं।