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Jaunpur News: हाईकोर्ट ने तलब किया लोअर कोर्ट का आदेश, अभी जेल में रहेंगे पूर्व सांसद धनंजय सिंह

Jaunpur News: न्यायाधीश ने लोअर कोर्ट के फैसले और अभिलेख आदि तलब कर लिया है। लोअर कोर्ट जब तक आदेश सहित पत्रावली नहीं भेजेगा तब तक धनंजय सिंह को जेल की सलाखों के पीछे ही रहना होगा।

Kapil Dev Maurya
Published on: 8 April 2024 6:31 PM IST (Updated on: 8 April 2024 7:24 PM IST)
Jaunpur News
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 Jaunpur News (Pic:Social Media)

Jaunpur News: जनपद के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय की अपील पर लगभग एक की अवधि बीतने पर आज सोमवार 8 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट में सुनवाई तो हुई लेकिन धनंजय सिंह को सलाखों के बाहर करने का आदेश नहीं आया बल्कि न्यायाधीश ने लोअर कोर्ट की ट्रायल कोर्ट के आदेश के साथ पूरे अभिलेख को तलब किया है। इस आदेश से साफ संकेत मिलता है कि धनंजय सिंह की मुश्किल अभी कम नहीं हुई है लोअर कोर्ट का आदेश अभिलेख जाने के बाद ही उनकी रिहाई और मुक़दमे के फैसले पर किसी तरह का आदेश संभावित है। अगली तिथि 24 अप्रैल मुकर्रर हुई है।

यहां बता दें कि जौनपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी मजबूती के साथ ताल ठोंक रहे बाहुबली नेता को एक ऐसे मुकदमें अचानक जबरदस्त झटका लगा जिसके सभी गवाह और मुकदमा वादी सभी होस्टाइल हो चुके थे। जिले की एमपी- एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश शरद चन्द त्रिपाठी ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी मांगने के मुकदमें में पांच मार्च 24 को दोषी करार देते हुए 06 मार्च 24 को 07 साल की सजा सुना दिया और जुर्माना भी लगाया था। पांच मार्च को ही धनंजय सिंह को हिरासत में लेकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया था।

लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट में अपील किया। पहली तारीख पर अपील की सुनवाई नहीं हो सकी फिर दूसरी तारीख पर अपील के मुकदमे अधिक होने के कारण सुनवाई टल गयी। आज 08 अप्रैल को तीसरी बार सुनवाई की तारीख मुकर्रर थी। तीसरी बार सुनवाई तो हुई लेकिन धनंजय सिंह को कोई राहत तत्काल नहीं मिली है। अब न्यायाधीश ने लोअर कोर्ट के फैसले और अभिलेख आदि तलब कर लिया है। लोअर कोर्ट जब तक आदेश सहित पत्रावली नहीं भेजेगा तब तक धनंजय सिंह को जेल की सलाखों के पीछे ही रहना होगा।

हालांकि इस सन्दर्भ में कई विद्वान अधिवक्ता से राय ली गई तो उनका मत है कि मुकदमें की पैरवी के उपर है। हाईकोर्ट का आदेश लाकर अगर पैरवी ठीक-ठीक हुई तब भी आदेश और सभी रिकॉर्ड हाईकोर्ट पहुंचने चार से पांच दिन लगेगा इसके बाद ही सुनवाई पर फैसला संभव है।

Durgesh Sharma

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