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Jaunpur News: एंटी करप्शन टीम के हत्थे चढ़ा, घूसखोर लेखपाल, पैमाइश के लिए मांग रहा था दस हजार

Jaunpur News: जिला हुक्मरान के शख्त हिदायत के बाद भी लेखपालों द्वारा पैमाइश के नाम पर घूसखोरी का खेल चल रहा है, एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को घूस लेते हुए पकड़ा है।

Kapil Dev Maurya
Published on: 25 Feb 2024 3:45 PM IST
Anti-corruption team again caught the bribe taking accountant along with his associate
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एंटी करप्शन टीम के हत्थे फिर चढ़ा अपने सहयोगी सहित घूसखोर लेखपाल : Photo- Newstrack

Jaunpur News: एंटी करप्शन की टीम लगातार घूसखोर अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा रही है इसके बाद भी घूसखोरी का धन्धा रूकने का नाम नहीं ले रहा है। घूसखोरी के इस खेल में राजस्व विभाग के तहसीलो में खास कर लेखपालों द्वारा बिना किसी कानूनी डर के धड़ल्ले से किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी तहसीलदार और एसडीएम सहित अन्य उच्चाधिकारी आंखे बन्द किये आम जनमानस को जरिए घूस लूटने के लिए पूरी छूट दे रखे है।

लेखपाल को घूस लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा

जी हां नया मामला जनपद के तहसील मड़ियाहूँ स्थित थाना क्षेत्र नेवढ़िया का है थाना परिसर के सामने ही पचास मीटर दूरी पर राजस्व विभाग के तहसील कर्मी लेखपाल को घूस लेते हुए वाराणसी एंटी करप्शन टीम ने शनिवार को धर्मेंद्र तिवारी निवासी तिवरान की शिकायत के आधार पर लेखपाल और उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है और दोनो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराके जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया है।

एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक मैनेजर सिंह ने बताया कि लेखपाल स्वदेश पांडेय (30) वर्ष राजस्व लेखपाल तहसील मड़ियाहूं व उसका सहयोगी जितेंद्र बहादुर (24) वर्ष जमीन की पैमाइश के लिए दस हजार रुपया घूस मांग रहे थे। शिकायत कर्ता धर्मेंद्र तिवारी ने एंटी करप्शन टीम को बताया टीम की योजना के तहत धर्मेंद्र तिवारी के द्वारा घूस देते हुए रंगे हाथ लेखपाल और उसके सहायक उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी द्वारा शिकायत कर्ता से उसके पिता द्वारा तहसील दिवस में दिये गये प्रार्थना पत्र की कार्रवाई में नाप करके आख्या देने की एवज में दस हजार रिश्वत की मांग की गई थी।गिरफ्तार करने वाली टीम में नीरज कुमार सिंह, राकेश बहादुर सिंह, योगेंद्र कुमार, सहित अन्य लोग शामिल रहे।

पैमाइश में घूसखोरी की गई तो खैर नहीं

यहाँ बता दें कि इसके पहले जनपद मुख्यालय सहित कई तहसीलो में पैमाइश करने के लिए घूस लेते हुए रंगेहाथ कई लेखपालो को गिरफ्तार कर एंटी करप्शन की टीम द्वारा जेल भेजने की कार्रवाई की जा चुकी है इसके बाद भी लेखपालो में कोई डर भय नहीं बगैर पैसा लिए पैमाइश नहीं करते है चाहे कोई भी अधिकारी आदेश करे। अभी चन्द दिवस पहले जिले के नवागत जिलाधिकारी ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सभागार में सभी लेखपालो और एसडीएम तहसीलदार की बैठक कर चेताया की पैमाइश में घूसखोरी की गई तो खैर नहीं।

डीएम के इस शख्त आदेश को दिए एक सप्ताह भी ठीक से पूरा नहीं हुआ कि एक लेखपाल दस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। यह अलग बात है कि वह अपने किए अपराध के तहत जेल चला गया। लेकिन सवाल इस बात का है कि डीएम की शख्त हिदायत के बाद भी घूसखोरी का खेल बदस्तूर कैसे और क्यों जारी है। इसके पीछे किसका और कहां से संरक्षण घूसखोर लेखपालो को मिल रहा है।

Shashi kant gautam

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