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Jaunpur News: ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को लगा झटका, विद्यालय स्थानांतरण आदेश से मड़ियाहूं की जनता में आक्रोश

Jaunpur News: बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) मड़ियाहूं को अस्थायी रूप से रामनगर विकासखंड के अढ़नपुर गांव स्थित मॉडल स्कूल में स्थानांतरित करने के शिक्षा विभाग के आदेश ने मड़ियाहूं नगर सहित दर्जनों गांवों की जनता में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है।

Nilesh Singh
Published on: 6 April 2025 4:14 PM IST (Updated on: 6 April 2025 5:02 PM IST)
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Jaunpur News: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) मड़ियाहूं को अस्थायी रूप से रामनगर विकासखंड के अढ़नपुर गांव स्थित मॉडल स्कूल में स्थानांतरित करने के शिक्षा विभाग के आदेश ने मड़ियाहूं नगर सहित दर्जनों गांवों की जनता में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। छात्राओं और उनके अभिभावकों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।

ज्ञात हो कि यह विद्यालय मड़ियाहूं नगर के 15 वार्डों सहित रानीपुर, बिजुर्गा, कनांवा, शिवपुर, काजीपुर, जमलियां, हिनौती जैसे आसपास के गांवों की हजारों गरीब छात्राओं को निःशुल्क इंटरमीडिएट स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराता है। दशकों से जर्जर अवस्था में चल रहे इस विद्यालय को अब तक न तो नया भवन मिल सका और न ही अतिक्रमण से इसकी जमीन को मुक्त कराया गया। विद्यालय की लगभग सवा बीघा भूमि में से अब केवल 18 बिस्वा ही शेष बची है।

विद्यालय के स्थानांतरण से गरीब छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि प्रस्तावित स्थान अढ़नपुर गांव मड़ियाहूं से करीब 6 किलोमीटर दूर एक वीरान क्षेत्र में स्थित है, जहां न तो परिवहन की सुविधा है और न ही सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम। इससे छात्राओं की शिक्षा बाधित होने की पूरी आशंका है।

शिक्षा विभाग का कहना है कि वर्तमान भूमि मानक के अनुरूप नहीं है, इसीलिए नया भवन नहीं बनाया जा सकता। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि नगरीय क्षेत्र में भूमि मानक को शिथिल करते हुए बहुमंजिला भवन बनाने की अनुमति दी जा सकती है। सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर भूमि अपर्याप्त थी, तो दशकों पहले विद्यालय की स्थापना कैसे की गई?

स्थानीय जनमानस का यह भी आरोप है कि विद्यालय की कीमती जमीन पर भूमाफियाओं की नजर है। वहीं कुछ निजी शिक्षण संस्थानों के संचालक इस निर्णय से लाभ की उम्मीद में हैं और इसी वजह से विद्यालय को नगर से बाहर शिफ्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।

जनता का कहना है कि यह विद्यालय "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान का जीवंत उदाहरण रहा है और इसे बंद करने या स्थानांतरित करने का फैसला न केवल असंवेदनशील है, बल्कि गरीब बेटियों के भविष्य के साथ अन्याय भी है।

स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए और मड़ियाहूं की बेटियों के भविष्य को अंधकारमय होने से रोका जाए। साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी मांग की गई है कि वे इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेकर विद्यालय को उसके मूल स्थान पर ही बहाल रखने की दिशा में प्रयास करें।

Shalini singh

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