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Jaunpur News: बसपा सांसद ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर उठाया सवाल, बोले-प्राण प्रतिष्ठा शंकराचार्य से क्यों नहीं कराई गयी
Jaunpur News: प्रधानमंत्री कहते हैं हम राम को लाये हैं बतायें कि पहले भगवान राम नहीं थे, क्या यह हमारा सवाल है। अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की आखिर जरूरत क्या थी? बाद में भी प्राण प्रतिष्ठा संभव थी। राम का राजनैतिक करण क्यों?
Jaunpur News: जौनपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्याम सिंह यादव सोमवार को केन्द्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमलावर रहे। साथ ही कई राजनैतिक मुद्दो पर चर्चा किया और सवाल खड़े किए। साथ में चुनाव लड़ने के सस्पेंस पर भी अपना खुला विचार रखा। वे मीडिया से बातचीत कर रहे थे। सांसद ने भाजपा को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि संविधान की रक्षा का दावा करने वाली भाजपा खुद संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। आज पूरे देश के अन्दर न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया को बल पूर्वक अपने कब्जे में दबा कर रख लिया है।
राम का राजनीतिकरण क्यों- सांसद श्याम सिंह यादव
अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के सवाल पर तो सांसद पूरे जोश में आ गये और कहा, प्राण प्रतिष्ठा आखिर प्रधानमंत्री ने क्यों कराया शंकराचार्य अथवा देश के सर्वोच्च पद पर आसीन महामहिम राष्ट्रपति से क्यों नहीं कराया गया। हिन्दू समाज के ठेकेदार वहीं लोग नहीं हैं हम सभी भी हिन्दू हैं। राम कृष्ण की पूजा करते हैं। भाजपा के लोग राम कृष्ण के नाम पर गन्दी राजनीति कर रहे हैं। पूजा सभी करें लेकिन भगवान का राजनैतिक करण किसी भी दशा में उचित नहीं है। प्रधानमंत्री कहते हैं हम राम को लाये हैं बतायें कि पहले भगवान राम नहीं थे, क्या यह हमारा सवाल है। अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की आखिर जरूरत क्या थी? बाद में भी प्राण प्रतिष्ठा संभव थी। राम का राजनीतिकरण क्यों?
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल खड़ा करते हुए न्याय पालिका को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला निराशाजनक था। फैसला साक्ष्यों के आधार पर होना चाहिए। यहां तो आस्था के आधार पर फैसला दे दिया गया। यहां पर फिर दोहराया कि न्यायपालिका पर केन्द्र सरकार ने ऐसा दबाव बनाया कि मुकदमे का न्याय दब गया और एक निराशाजनक फैसला आ गया।
मंदिर मुद्दे की चर्चा के दौरान कहा कि जिस तरह से हज़ारों लाखों की तादाद में लोग बाबरी मस्जिद को गिराये थे उसी तरह अगर मुसलमान भी अग्रेसिव होकर वैसी ही कोशिश करे तो क्या होगा और क्या करेंगे इसका जबाव है किसी के पास? आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद को चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, जनता ने हमें अपने प्रतिनिधित्व का अवसर दिया, हमने पूरी निष्ठा से पांच साल सेवा किया। इसी के साथ दो टुक कह दिया कि हमारी कोई इच्छा अब चुनाव लड़ने की नहीं है। हां यदि कोई भी राजनैतिक दल मुझसे चुनाव लड़ने को कहेगा तो हम विचार जरूर कर सकते हैं। जब तक बसपा के सदस्य हैं उसकी नीतियों और सिद्धांतों पर काम करते रहेंगे।
एक न एक दिन इसका समय जरूर आयेगा-
इन्डिया गठबंधन और बिहार में घटित राजनैतिक घटना के सवाल पर कहा कि इन्डिया गठबंधन टूटे बिखरे चाहे जो हो लेकिन यह संगठन एक अच्छा मकसद लेकर चल रहा है। एक न एक दिन इसका समय जरूर आयेगा। साथ ही भाजपा को लेकर यह भी कहा कि चाहे जितना खेल कर लें एक दिन जनता ही इस दल को सबक जरूर सिखायेगी। बिहार की राजनीतिक घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राजनीति का सबसे गन्दा और अवसरवादी नेता साबित हो गए हैं। नीतीश को हटने से इन्डिया गठबंधन पर कोई खास असर नहीं होने वाला है।