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Janupur News: Dhananjay Singh की याचिका पर कब होगी सुनवाई, सलाखों के पीछे बीतेगी होली

Jaunpur News: धनंजय सिंह की हाईकोर्ट में याचिका दायर कर होली के पहले बाहर आने का प्रयास असफल रहा है। अब तो एक बार फिर बाहुबली नेता की होली सलाखों के पीछे बीतने जा रही है।

Kapil Dev Maurya
Published on: 23 March 2024 11:45 AM GMT
धनंजय सिंह।
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धनंजय सिंह। (Pic: Social Media)

Jaunpur News: जनपद की सियासत के जरिए माननीय बनने का सपना संजोने वाले बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह दीवानी न्यायालय की एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश शरद चन्द त्रिपाठी द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में जेल की सजा काट रहे हैं। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर होली के पहले बाहर आने का काफी प्रयास किए लेकिन उनके सभी प्रयास असफल रहे हैं। अब तो एक बार फिर बाहुबली नेता की होली सलाखों के पीछे बीतने जा रही है।

याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई

न्यायालय से सजा पाने के पश्चात धनंजय सिंह जेल जाने के बाद देश के बड़े अधिवक्ताओं से मसौदा तैयार करते हुए हाईकोर्ट के एमपी-एमएलए कोर्ट में अपनी रिहाई और लोअर कोर्ट के आदेश को स्थगित करने के प्रेयर के साथ याचिका दायर किया। याचिका पर पहली तिथि सुनवाई के लिए 20 मार्च मुकर्रर हुई। इस दिन अधिक मुकदमे का हवाला देते हुए न्यायधीश ने इनके याचिका पर सुनवाई नहीं किया। इसके बाद फिर प्रयास हुआ की होली के पहले सुनवाई सुनिश्चित हो सके लेकिन मामला टल गया अब होली के बाद ही सुनवाई की संभावनाए लगाई जा रही है।

चुनाव लड़ने की थी कोशिश

धनंजय सिंह 18 वीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूती के साथ ताल ठोंके हुए थे। भाजपा ने दो मार्च को जौनपुर के पुराने और दिग्गज भाजपाई नेताओं को दरकिनार करते हुए कांग्रेस से भाजपाई बने महाराष्ट्र की राजनीति करने वाले नेता कृपाशंकर सिंह को टिकट थमा दिया। इसके बाद अचानक 05 मार्च 24 को अभिनव सिंघल के केस की तारीख थी बजरिए अधिवक्ता धनंजय सिंह कोर्ट में बुलाए गए और न्यायिक अभिरक्षा में ले लिए गए तथा अभिनव सिंघल के मामले में दोषी करार दे दिए गए थे। इसके बाद 06 मार्च 24 को कोर्ट ने सभी धाराओ 364, 386, 504 एवं 120 बी में न्यायाधीश ने सात साल की सजा के साथ आर्थिक दण्ड भी लगाते हुए धनंजय सिंह और उनके साथी को जेल की सलाखों में कैद कर दिया। इस तरह अब तो यह तय हो गया है कि धनंजय सिंह पूर्व सांसद की होली जेल की सलाखों के पीछे कैदियों के बीच ही मनेगी। यहां एक बात और भी साफ कर दे कि जिले की सियासी हलको में चर्चा है कि धनंजय सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए इस सजा के पीछे बड़ा राजनैतिक खेल है और अगर यह सच तो माना जा सकता है कि धनंजय सिंह चुनाव बीतने के बाद ही जेल के बाहर निकल सकेंगे। यहां एक सवाल और भी है कि अगर धनंजय सिंह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे तो उनके समर्थक लोकसभा के चुनाव में कौन सा गुल खिलायेंगे। धनंजय सिंह का अपनो को क्या संदेश होगा। इन्ही सब सवालो को जबाव जनपद की आवाम अब ढूंढ रही है।

ये है पूरा मामला

बता दें कि 10 मई 20 को नामामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने जिला मुख्यालय स्थित थाना लाइन बाजार में अपने अपहरण और रंगदारी मांगने का मुकदमा धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ दर्ज कराया था। पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय प्रेषित किया इसके बाद धनंजय सिंह और उनके साथी लगातार प्रयासरत रहते हुए केस के सभी गवाहो को पक्षद्रोही (होस्टाइल) करा दिया और अभिनव सिंघल ने अपना मुकदमा वापस लेने के लिए कोर्ट में मय हलफनामा के साथ प्रार्थना पत्र दे दिया था। हलांकि प्रार्थना पत्र पर न्यायाधीश द्वारा कोई आदेश नहीं था। इधर धनंजय सिंह और उनके साथी मुतमईन थे कि अब इस केस में कुछ नहीं होगा।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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