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Jaunpur News: टीडी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में सोशल मीडिया के प्रभाव पर चर्चा

Jaunpur News: सोशल मीडिया सामाजिक जीवन को प्रभावित कर रहा है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. प्रकाश सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया नैतिक शिक्षा का माध्यम होना चाहिए

Nilesh Singh
Published on: 29 March 2025 8:03 PM IST
Jaunpur News: टीडी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में सोशल मीडिया के प्रभाव पर चर्चा
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Jaunpur News

Jaunpur News: तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा "सामाजिक परिवर्तन में सोशल मीडिया की भूमिका" विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया को वैश्विक स्तर पर नई क्रांति का प्रतीक बताया और इसके सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष एवं अनु. सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया की शुरुआत ज्ञान, शोध, जन विचार एवं लोक संस्कृति को साझा करने के उद्देश्य से हुई थी, लेकिन वर्तमान में यह बाजारवाद से जुड़ चुका है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया दुनिया को जोड़ने वाला सबसे सशक्त सूचना तंत्र बन चुका है, जिसमें भारत के लगभग 100 करोड़ लोग सक्रिय हैं।

सोशल मीडिया का बदलता स्वरूप

प्रो. मिश्र ने कहा कि आज सोशल मीडिया लोगों के व्यक्तिगत जीवन को भी सार्वजनिक कर रहा है। उन्होंने साहित्य, पुराणों एवं मानस की चौपाइयों का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह सोशल मीडिया सामाजिक जीवन को प्रभावित कर रहा है।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. प्रकाश सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया नैतिक शिक्षा का माध्यम होना चाहिए, लेकिन भौतिकवादी युग में यह डिजिटल अरेस्ट का कारण बन रहा है, क्योंकि लोग दिनभर मोबाइल से जुड़े रहते हैं।

सोशल मीडिया: एक क्रांति या चुनौती?

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राम आसरे सिंह ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में सोशल मीडिया ने सूचना क्रांति ला दी है। यह माध्यम निम्न, मध्यम और उच्च वर्गों के विचारों को जनमानस तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है। हालांकि, इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं, जिनका संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

कार्यक्रम संयोजक प्रो. हरिओम त्रिपाठी ने कहा कि सोशल मीडिया सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, लेकिन इससे सामाजिक संबंधों एवं क्रियाओं में एक अभाव बोध भी उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के कारण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्वरूप भी बदला है।

शिक्षाविद रहे उपस्थित

संगोष्ठी का संचालन समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. संतोष कुमार ने किया, जबकि आभार ज्ञापन डॉ. पूनम मिश्रा ने व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रो. हिमांशु सिंह, डॉ. विजय कुमार सिंह, प्रो. सुषमा सिंह, प्रो. सुभाष चंद्र बिश्नोई, प्रो. राजदेव दुबे, डॉ. विपिन कुमार सिंह, डॉ. शैलेंद्र सिंह वत्स, डॉ. जेपी सिंह, डॉ. महेंद्र कुमार त्रिपाठी, मृदुला सिंह, ममता मिश्रा, डॉ. सुमन सिंह और राघवेंद्र सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Ramkrishna Vajpei

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