TRENDING TAGS :
Jaunpur News: नगर पालिका परिषद का क्लर्क घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, भेजा गया जेल, मचा हड़कंप
Jaunpur News: नगर पालिका परिषद के एक बाबू को आज एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने दीवानी न्यायालय के पास से पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
Jaunpur News: नगर पालिका परिषद के एक बाबू को आज एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने दीवानी न्यायालय के पास से पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद थाना लाइन बाजार में मुकदमा दर्ज कराते हुए जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। मिली खबर के मुताबिक नगर पालिका परिषद जौनपुर में बाबू के पद पर तैनात कर्मचारी संतोष राव लम्बे समय से काली कमाई के चक्कर में रहता था।
एंटी करप्शन की टीम द्वारा की गई गिरफ्तारी से नगर पालिका परिषद में हड़कंप मच गया है। खबर है कि नगर क्षेत्र स्थित मुहल्ला ओलंदगंज निवासी आशुतोष अस्थाना की पत्नी रीना अस्थाना का मछलीशहर पड़ाव पर करीब एक विस्वा जमीन है जमीन को लेकर विवाद चल रहा है जमीन के बाबत एक मुकदमा न्यायालय में चल रहा है। कोर्ट से स्टे भी है कोर्ट ने नगर पालिका की एक पत्रावली न्यायालय में तलब की थी।
नगर पालिका परिषद का बाबू संतोष राव जो न्यायालय में नगर पालिका का पैरोकार था पत्रावली कोर्ट में दाखिल करने के लिए नगर पालिका का बाबू एवं न्यायालय का पैरोकार संतोष राव आशुतोष अस्थाना से 50 हजार रुपये रिश्वत मंगा था, अपने काम के लिए मजबूर होकर आशुतोष ने दो किस्तो में 40 हजार रुपये संतोष राव को दे भी चुका था इसके बाद भी उसके मुकदमे से संबंधित पत्रावली कोर्ट में दाखिल नहीं किया गया। घूस की शेष धनराशि 10 हजार रुपये और मांग रहा था।
नगर पालिका के घूसखोर बाबू के कृत्य से आजीज आकर पीड़ित आशुतोष गुरुवार को एन्टी करप्शन वाराणसी से सम्पर्क किया और पूरे घटनाक्रम को संज्ञान में दिया एनटी करप्शन की टीम ने 24 घंटे के भीतर जनपद में पहुंच कर पीड़ित के सहयोग से पांच हजार रुपये घूस देने का प्लान बना दिया।
इसके बाद आशुतोष से रिश्वत लेते हुए लिपिक को दीवानी कचहरी के पास स्थित अम्बेडकर तिराहा से गिरफ्तार करके थाना लाइन बाजार ले गई वहां पर संतोष राव के खिलाफ विधिक कार्यवाई करने के बाद जेल भेज दिया। गिरफ्तार करने वाली एंटी करप्शन टीम में प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार सिंह, दरोगा राकेश बहादुर सिंह, प्रमोद कुमार, योगेंद्र कुमार, मुख्य आरक्षी शैलेंद्र कुमार राय, विनोद कुमार राय, आरक्षी आशीष शुक्ला, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अजय कुमार यादव शामिल रहे। घूसखोरी की इस घटना ने एक बार फिर सरकारी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है।