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Jaunpur News: मजहब से मुस्लिम, सरनेम दुबे-शुक्ला, वजह जानकर हो जायेंगे हैरान

जौनपुर के एक गांव में कुछ लोगों ने मुस्लिम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाना शुरू कर दिया है। लोगों ने नाम के साथ शुक्ला टाइटल लगा रहा है तो कोई दुबे। ऐसा करने के पीछे इनका तर्क है कि इनके पूर्वज हिंदू ब्राह्मण थे।

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Newstrack Network
Published on: 10 Dec 2024 1:56 PM IST
Jaunpur News: मजहब से मुस्लिम, सरनेम दुबे-शुक्ला, वजह जानकर हो जायेंगे हैरान
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Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के एक छोटे से गांव से एक दिलचस्प खबर सामने आई है। इस गांव में कई मुस्लिम परिवारों ने न केवल अपना धर्म बदला, बल्कि अपने नामों के साथ सरनेम भी बदल दिए हैं। अब इस गांव में नौशाद दुबे, अशरफ दुबे और सिराज शुक्ला जैसे नाम सुनने को मिलते हैं। इनका मानना है कि उनके पूर्वज ब्राह्मण थे, जिन्होंने बाद में धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाया। हालांकि, यह बदलाव केवल परिवार के मुखिया द्वारा ही किया गया है, और बाकी सदस्यों ने अपने नाम में कोई बदलाव नहीं किया है।

डेहरी गांव की रोचक कहानी

जौनपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित डेहरी गांव चर्चा में तब आया, जब यहां की मुस्लिम आबादी ने हिंदू धर्म अपनाना शुरू किया। कई परिवारों ने गाय पालना शुरू किया और अब गाय के बाड़े, दूध और दही गांव में आम हो गए हैं। इस बदलाव के बाद लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर डेहरी गांव में इतने बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन क्यों हो रहा है।

धर्म परिवर्तन क्यों हुआ?

डेहरी गांव के लोग अपने धर्म परिवर्तन को 'घर वापसी' मानते हैं, न कि धर्मांतरण। यहां के निवासी, नौशाद अहमद दुबे, बताते हैं कि उनके पूर्वज ब्राह्मण थे, जिन्होंने बाद में इस्लाम धर्म अपनाया। सात पीढ़ी पहले उनके पूर्वज, लाल बहादुर दुबे, ने इस्लाम को अपनाया और अपना नाम बदलकर लाल मोहम्मद शेख रख लिया।

नाम बदलने की वजह

गांव के लोग मानते हैं कि 'शेख', 'पठान', और 'सैय्यद' जैसे उपनाम उधार के हैं, और अब वे अपने पुराने धर्म में लौट आए हैं। इसलिए उन्होंने अपने नाम के साथ 'दुबे' और 'शुक्ला' लगाना शुरू कर दिया है। नौशाद अहमद नहीं, बल्कि अब उन्हें 'नौशाद दुबे' सुनना ज्यादा पसंद है। वे बताते हैं कि लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि वे 'दुबे' क्यों लगाते हैं। उनका कहना है, "शेख अरबी लोग लगाते हैं, 'मिर्जा' तुर्की का टाइटल है, और मंगोल यानी मुगलों के वंशज 'खान' का उपयोग करते हैं। तो हम क्यों इन नामों को अपनाएं? हम उधार की चीज़ नहीं लेंगे।"



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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