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Jaunpur News: नई शिक्षा नीति भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने की ओर बढ़ाएगी: कलराज मिश्र
Jaunpur News: शिक्षा वही सार्थक है, जिसमें नयेपन पर जोर हो। शैक्षिक नवाचारों को जितना अपनाया जाएगा, हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश किया गया है।
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Jaunpur News: भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि नई शिक्षा नीति व्यापक दृष्टिकोण पर आधारित नीति है, जो भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने की ओर बढ़ाएगी, यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की अवधारणा के साथ भारतीय जनमानस की आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है।
मंगलवार दोपहर जौनपुर के मड़ियाहू में अपने भतीजे भाजपा नेता ब्रह्मदेव मिश्रा के आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों की रुचि व विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसका उद्देश्य भारत को ज्ञान आधारित देश बनाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा वही सार्थक है, जिसमें नयेपन पर जोर हो। शैक्षिक नवाचारों को जितना अपनाया जाएगा, हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश किया गया है। उन्होंने कहा कि आज देश तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत में विश्व को एक साथ रखकर विश्व बंधुत्व को साकार करने की क्षमता है।
कलराज मिश्र ने कहा कृषि से जुड़ी समस्याओं के बारे में कहा कि बढ़ती जनसंख्या, छोटी होती जोत, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, गिरता भूजल स्तर, वनों का कटाई, ग्रीन हाउस गैसों के दुष्प्रभाव, मृदा की उर्वरा शक्ति में कमी और जलवायु परिवर्तन जैसी अनेक चुनौतियां कृषि के समक्ष हैं, ऐसे में किसानों के आर्थिक उत्थान में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है । उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि प्रसार शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को मोटे अनाज के उत्पादन और प्रोत्साहन के रूप में मनाया गया। हमारे देश में भी बाजरा, ज्वार जैसे मोटे अनाज बहुतायत में पैदा होते हैं। इसके मद्देनजर किसानों को मोटे अनाज उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए। इनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए कार्यशालय आयोजित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ -2025 भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। महाकुंभ के बारे में बताया कि महाकुंभ का आयोजन 12 वर्षों के अंतराल में होता है, और यह संयोग 144 वर्षों बाद आया है। यह अवसर किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पूर्व राज्यपाल ने कहा कि इस बार महाकुंभ के आयोजन के लिए सरकार ने व्यापक प्रबंध किए हैं, ताकि हर एक श्रद्धालु को बेहतर सुविधा और सुरक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आकर महाकुंभ के पूजन की प्रक्रिया को सम्पन्न किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लगातार व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। राज्यपाल ने यह भी बताया कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में भाग लेने के लिए भारत आ रहे हैं, और ऐसे में करोड़ों लोगों के आगमन के साथ व्यवस्थाओं का सही तरीके से संचालन अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
पूर्व राज्यपाल ने महाकुंभ को शास्त्रीय और सामाजिक दृष्टि से भारत की सनातन परंपरा का एक अद्वितीय अवसर बताया। उनका कहना था कि यह आयोजन भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है और इसे लेकर सभी श्रद्धालुओं को प्रशासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस पर्व का सही तरीके से लाभ उठाना चाहिए। पूर्व राज्यपाल ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे शांतिपूर्वक और सुरक्षित रूप से इस महाकुंभ के दौरान अपनी धार्मिक क्रियाएं सम्पन्न करें और प्रशासन के साथ सहयोग करें, ताकि यह ऐतिहासिक अवसर सभी के लिए सुखद और स्मरणीय बन सके।
उन्होंने कहा कि प्रखर राष्ट्रवादी, उत्कृष्ट संगठनकर्ता, अंत्योदय एवं एकात्मक मानववाद के प्रणेता और हमारे पथ प्रदर्शक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उनको नमन करते हुए कहा कि उनके बताए हुए सिद्धांतों के आधार पर आज भारत में भारतीय जनता पार्टी की सरकार चल रही है। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ब्रह्मदेव मिश्र सहित अनेक लोग मौजूद रहे।