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Jaunpur News: प्रोफेसर अनूप के घोष की सलाह धान एवं गेहूं की कटाई में आंखों की सुरक्षा जरूरी, पूर्वांचल विवि में दो दिवसीय व्याख्यान माला का हुआ समापन

Jaunpur News: फसलों की कटाई के समय किसानों की लापरवाही के कारण धान के छिलकों के आंखों में लगने के कारण कार्निया की ऊपरी परत डैमेज हो जाती है। जिससे फंगल किरैटाइ‌टिस रोग को फैलाने वाले फंगस आँखों को संक्रमित कर देते हैं।

Nilesh Singh
Published on: 8 Feb 2025 7:10 PM IST
Jaunpur News (Photo Social Media)
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Jaunpur News (Photo Social Media)

Jaunpur News: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत पीजीआई चंडीगढ़ के माइक्रोबायोलॉजी डिवीजन के प्रोफेसर अनूप के० घोष का व्याख्यान आयोजित हुआ l उन्होंने पहले दिन फंगल किरैटाइ‌टिस एवं दूसरे दिन शनिवार को सूक्ष्मजीव विज्ञान एवं इसमें सम्भावनाओं के विषय पर व्याख्यान दिया l

प्रो.घोष के कहा कि फसलों की कटाई के समय किसानों की लापरवाही के कारण धान के छिलकों के आंखों में लगने के कारण कार्निया की ऊपरी परत डैमेज हो जाती है। जिससे फंगल किरैटाइ‌टिस रोग को फैलाने वाले फंगस आँखों को संक्रमित कर देते हैं। सही समय पर इलाज न कराने पर रोगी के आंखों की रोशनी चली जाती है।

इसके अलावा उन्होंने कोविड के दौरान होने वाले ब्लैक फंगस का मुख्य कारण भी विस्तार में समझाया। प्रो. घोष के अनुसार अत्यधिक मात्रा में लिये जाने वाले स्टेरॉयड और कोविड के संक्रमण में एबढ़े हुए डाइबिटीज को ब्लैक फंगस का मुख्य कारण बताया।

दूसरे दिन के व्याख्यान में उन्होंने पृथ्वी पर विकास के दौरान होने वाली घटनाओं को बड़े रोचक तरीके से बताया। उन्होंने कहा कि सूक्ष्मजीव मानव जीवन के लिए लाभदायक होते के साथ ही साथ हानिकारक भी हैं जो विभिन्न प्रकार के रोगों को मनुष्यों में फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं।

इस अवसर पर डॉ मनीष गुप्ता, श्रीवास्तव, डॉ ईषानी भारती, डॉ० प्रतिमा श्रीवास्तव, डॉ. सिपाही बाल पटेल, डॉ श्वेता सोनम, डॉ. दिनेश कन्नौजिया. डॉ मारुति प्रसाद उपस्थित रहे l कार्यक्रम में विश्वविद्यालय कैम्पस के विज्ञान संकाय के साथ साथ मोहम्मद हसन पी जी कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी प्रतिभाग किया l कार्यक्रम का संचालन डॉ० एस. पी. तिवारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० ऋषि श्रीवास्तव द्वारा किया गया।



Ramkrishna Vajpei

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