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Jaunpur News: बाहुबली विधायक रमाकांत यादव को कोर्ट ने सुनाई चार माह की सजा, जानिए क्या थे आरोप

Jaunpur News: रमाकांत यादव का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनपर दर्जनों आपराधिक मामले रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व वो भाजपा में शामिल हो गए थे।

Kapil Dev Maurya
Published on: 31 May 2023 4:50 PM IST
Jaunpur News: बाहुबली विधायक रमाकांत यादव को कोर्ट ने सुनाई चार माह की सजा, जानिए क्या थे आरोप
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रमाकांत यादव (photo: social media )

Jaunpur News: आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट से सपा विधायक रमाकांत यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट ने चार माह की सजा सुनाई है। उनपर थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के एक मारपीट, बलवा और गाली-गलौज के मामले में आरोप था। रमाकांत यादव पूर्व में सांसद भी रह चुके हैं। उनकी गिनती पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में की जाती है।

वर्ष 2019 के मामले में सुनाई गई सजा

रमाकांत यादव का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनपर दर्जनों आपराधिक मामले रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व वो भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन यहां उनकी पारी लंबी नहीं चली और वो दोबारा सपा में चले गए। रमाकांत यादव का सियासी सफर जितना लंबा है, उससे कम आपराधिक मामले भी उनपर नहीं रहे हैं। वो पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में हैं और आज भी आजमगढ़ के कई इलाकों में रमाकांत यादव के कुनबे की तूती बोलती है। जिस मामले में उन्हें सजा सुनाई गई वो वर्ष 2019 में सदर कोतवाली क्षेत्र में मारपीट का मामला था।

विधायकी पर असर नहीं

आजमगढ़ के फूलपुर पवई सीट से विधायक रमाकांत यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट ने चार माह की सजा सुनाई, पूर्व सांसद पर आरोप सिद्ध होने पर सात हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। मामले की सुनवाई एसीजेएम तृतीय यानी एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी। वर्ष 2019 में सदर कोतवाली क्षेत्र में मारपीट का मामला हुआ था, जिसमें कुछ लोग घायल हुए थे। उस समय रमाकांत यादव पर बलवा, मारपीट करने, गाली-गलौज सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले में आरोपपत्र दाखिल किया। उसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने रमाकांत को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। रमाकांत को फतेहपुर जेल से न्यायालय में पेशी पर लाया गया था। उनकी पेशी को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। हालांकि, इस सजा से उनकी विधायकी पर असर नहीं पड़ेगा, चूंकि लोक-प्रतिनिधित्व कानून के तहत दोषी पाए जाने और कम से कम दो साल की सजा सुनाए जाने पर संबंधित सदन की सदस्यता रद हो जाती है।

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