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Jaunpur News: उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय में संगोष्ठी, कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कही ये बात -
Jaunpur News: कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
Jaunpur News (Social Media)
Jaunpur News: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर दिवस की थीम "विकास व विरासत: प्रगति पथ पर उत्तर प्रदेश" पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य की उपलब्धियों और उसके गौरवशाली इतिहास को उजागर करना रहा।
कार्यक्रम में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश ने शिक्षा, उद्योग, संस्कृति और कृषि जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। आज हमें अपनी समृद्ध विरासत को संरक्षित रखते हुए विकास के नए आयाम तय करने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के हर गांव तक बिजली ही नहीं विकास की किरण पहुंच रही है। यह आज ही नहीं पहले से ही उत्तम प्रदेश रहा है तभी हमारे अराध्यदेव भगवान राम और कृष्ण ने इस प्रदेश में जन्म लिया। आज हमारे विरासत का ही नतीजा है कि पूरे विश्व के लोग महाकुंभ में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश निरंतर प्रगति के पथ पर है।
इसी क्रम में कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक दृष्टि से देश का एक प्रमुख केंद्र है। राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में विकास के कई नए आयाम हासिल किए हैं। आज हम बैलगाड़ी, साइकिल युग से अंतरिक्ष पर चले गए हैं।
संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने कहा कि हमारी विरासत को मिटाने की कोशिश की गई लेकिन हमने अपने अभिलेखों को मिटने नहीं दिया। आज भी अभिलेख हमारे इतिहास और साहित्य पर सवाल की तरह खड़े हैं। संगोष्ठी के पूर्व विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित वृत्तचित्र दिखाई गई। संगोष्ठी का आयोजन एवं संचालन नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रामनारायण, डॉ. अमरेंद्र सिंह, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. अमित मिश्र आदि शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे ।