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Jaunpur News: ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव हत्याकांड, बुलडोजर एक्शन के विरोध में उतरी अभियुक्त की पत्नी
Jaunpur News: 30 अक्टूबर की सुबह सात बजे हत्याकांड के अभियुक्त लालता यादव के पुत्र रमेश यादव ने तलवार से पड़ोसी राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो खिलाड़ी 17 वर्षीय अनुराग यादव की गर्दन काटकर कर हत्या कर दी थी।
Jaunpur News: जनपद के थाना गौराबादशाहपुर क्षेत्र स्थित ग्राम कबीरूद्दीनपुर में तलवार से हुए जघन्यतम हत्याकांड के मामले में सरकारी जमीन पर बने अभियुक्तो के मकान पर बुलडोजर चलने का मामला अब खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। मकान ध्वस्तीकरण की पूरी तरह से अब न्यायिक प्रक्रिया की जद में आ गया है। हत्याकांड के अभियुक्त लालता यादव की पत्नी कोर्ट में हाजिर होकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया है।
यहां बता दे कि 30 अक्टूबर की सुबह सात बजे हत्याकांड के अभियुक्त लालता यादव के पुत्र रमेश यादव ने तलवार से पड़ोसी राष्ट्रीय स्तर के ताइक्वांडो खिलाड़ी 17 वर्षीय अनुराग यादव की गर्दन काटकर कर हत्या कर दी थी। इस काण्ड में रमेश के साथ उसके पिता, दरोगा भाई, सहित छह लोग अभियुक्त बनाये गए सभी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करके जेल चले गये हैं। इसके बाद विगत 13 नवंबर 24 कोअचानक तमाम प्रदर्शन के बाद तहसील के कार्मचारी इस हत्याकांड के अभियुक्त के घर पर तहसीलदार के आदेश पर नोटिस चस्पा करने के लिए मौके पर राजस्व कर्मी केसी मौर्य और मनोज श्रीवास्तव कबीरूद्दीनपुर गाँव पहुंचकर ग्राम प्रधान की मौजूदगी में नोटिस चस्पा कर दिया।
सरकारी जमीन से कब्जा हटाने का फरमान भेजा
नोटिस चस्पा करते हुए 15 दिवस के अन्दर सरकारी जमीन से कब्जा हटाने का फरमान भेजा और कहा कि यदि निर्धारित अवधि में खुद कब्जा नहीं हटाया तो बुलडोजर चला कर प्रशासन कब्जा हटायेगा और खर्च भी वसूल करेगा। नोटिस चस्पा करने के बाद हत्याकांड के अभियुक्त लालता यादव जेल से वकालत नामा जरिए जेल प्रशासन तहसीलदार सदर को भिजवाते हुए अपने पत्नी को मुकदमा लड़ने के लिए अधिकृत कर दिया।
कार्रवाई न्यायिक प्रक्रिया की जद में
अब इस हत्याकांड के अभियुक्तों के घर पर बुलडोजर चलने की कार्रवाई न्यायिक प्रक्रिया की जद में आ गई है। खबर है कि तहसीलदार के यहां लगातार सुनवाई टलते हुए तारीख पर तारीख लग रही है। इस संदर्भ में तहसीलदार सदर से बात करने पर उन्होंने बताया कि सुनवाई न हो पाने का सबसे बड़ा कारण अधिवक्ताओं की हड़ताल है। हत्याकांड के अभियुक्तों की तरफ से भी अधिवक्ता कहते हैं कि जमीन अभियुक्तों की है और कब्जा भी है इसलिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। जबकि सरकारी अभिलेख के अनुसार पैमाइश के दौरान यह स्पष्ट हो चुका है कि अभियुक्तों का मकान सरकारी बंजर जमीन पर बना है।
जिस समय नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई प्रशासन की ओर से की गई थी उस समय लगा कि अब हत्यारो का आशियाना जरूर उजड़ेगा लेकिन न्यायिक प्रक्रिया की जद में आते ही बुलडोजर की कहांनी ठन्डे बस्ते में जाती नजर आने लगी है।