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Jaunpur News: तीन दर्दनाक मौतें, गांव में मातमी सन्नाटा, टैंकर ने बाइक सवारों को रौंदा
Jaunpur News: राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद थानाध्यक्ष सिकरारा आशुतोष गुप्त फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और शव को कब्जे में ले लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।
Jaunpur News: थाना सिकरारा क्षेत्र स्थित रायबरेली हाईवे पर सोमवार को देर रात टैंकर की चपेट में आने से बाइक सवार एक ही गांव के तीन युवकों की मौत हो गई। खबर मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर, टैंकर चालक घटना के बाद वाहन छोड़कर फरार हो गया जिसे पुलिस ने हिरासत में लेरखा है।
थाना सिकरारा क्षेत्र के अलीशाहपुर गांव के राज बहादुर बिंद (28) इसी गांव के रवि बिंद (18) और सूरज बिंद (16) कैटरिंग का कार्य करते थे। सोमवार को तीनों एक ही बाइक से मछलीशहर की ओर से घर वापस लौट रहे थे। रात करीब आठ बजे वे आनापुर मोड़ के पास पहुंचे थे कि सामने से आ रहे टैंकर की चपेट में आ गए। इससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद थानाध्यक्ष सिकरारा आशुतोष गुप्त फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और शव को कब्जे में ले लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। रवि बिंद के भाई उमेश ने बताया कि सूरज अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसकी एक छोटी बहन आरती है, जिसकी अभी शादी नहीं हुई है।
इस बाबत थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक के मोबाइल से उनके घर फोन कर सूचना दे दी गई है। टैंकर के रजिस्ट्रेशन नंबर से उसके मालिक का पता किया लगाया जा रहा है।
बाइक सवार तीनों युवकों का शव क्षत- विक्षत
टैंकर और बाइक की भिड़ंत इतनी भयावह थी कि बाइक सवार तीनों युवकों का शव क्षत- विक्षत हो गया था। शवों के चिथड़े उड़ गए थे। पुलिस द्वारा फोन पर तीन युवकों की मौत की सूचना मिलने पर गांव में मातम छा गया। कुछ लोगों के घर आधा- अधूरा भोजन बन चुका था लेकिन किसी ने एक भी निवाला ग्रहण नहीं किया।
परिजनों के साथ पूरा गांव थाने पर उमड़ पड़ा। आस-पास के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त घटना में मृत राज बहादुर अलीशाहपुर गांव निवासी स्व.अंचू राम के तीन बेटों में मझला था। वहीं कैटरिंग के कार्य में मजदूरी कर घर का खर्चा चलाता था। उसकी मौत से पूरा परिवार सकते में आ गया। इसी तरह सूरज अपने मां बाप का इकलौता बेटा था। उसकी मौत से राम प्रकाश के घर का चिराग ही बुझ गया। बहन आरती का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर रवि अभी किशोरावस्था को पार कर रहा था। उसके दो बड़े भाई उमेश व रमेश भी मेहनत मजदूरी करके घर चलाने में पिता रामा की मदद कर रहे हैं। रवि भी कैटरिंग का कार्य करता था। बड़े भाई उमेश ने बिलखते हुए बताया कि दिन में उसकी रवि से बात हुई थी, उसने कहा था कि वह जल्दी ही काम खत्म कर घर आ जाएगा। इस बीच भाई की मौत की खबर मिलने पर वह विश्वास नहीं कर पा रहा था।