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जया बच्चन का 'शहंशाह' से ऐसे बना कनेक्शन, सिलसिला के बाद छोड़ दिया था काम
बॉलीवुड फिल्मों में अपने हर किरदार में अपनी छाप छोड़ देने वाली अभिनेत्री जया बच्चन बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक रहीं। इनका जन्म 9 अप्रैल 1948 को जबलपुर के एक बंगाली परिवार में हुआ था।
लखनऊ: बॉलीवुड फिल्मों में अपने हर किरदार में अपनी छाप छोड़ देने वाली अभिनेत्री जया बच्चन बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक रहीं। इनका जन्म 9 अप्रैल 1948 को जबलपुर के एक बंगाली परिवार में हुआ था। जया बच्चन का पूरा नाम अब जया भादुरी बच्च न है। उनकी मां का नाम इंदिरा भादुरी और उनके पिता का नाम तरुण भादुरी था। जो कि एक लेखक के साथ पत्रकार और स्टेकज आर्टिस्ट भी थे।
1963 में जया बच्चन ने निर्देशक सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म 'महानगर' से इंडस्ट्री में कदम रखा। उस वक़्त उनकी उम्र महज 15 साल थी। वही 1971 में रिलीज़ हुई फिल्म 'गुड्डी' से हिंदी सिनेमा में पाव जमाया। हिंदी सिनेमा में काम करते जया को अभी दो साल ही हुई थे कि उन्होंने 3 जून 1973 को अमिताभ बच्चन ने शादी रचा ली थी। दोनों की मुलाकात फिल्म 'गुड्डी' के सेट पर हुई थी, जिसमें दोनों ने साथ में काम किया था। इस फिल्म के बाद दोनों को प्यार हो गया। फिल्म बावर्ची के सेट पर जया और राजेश खन्ना साथ काम कर रहे थे, वहां पर भी अमिताभ जया से मिलने लगातार जाते थे और इस तरह दोनों का प्यार बढ़ा।
ऐसे हुई शादी
फिल्म जंजीर की सफलता के बाद अमिताभ ने प्लान बना कि सभी दोस्त लंदन घूमने जाएंगे, जिसमें उनके साथ जया भी थीं, लेकिन पिता हरिवंशराय बच्चन की शर्तों के कारण दोनों को शादी करनी पड़ी।
अमिताभ बच्चन से शादी करने के बाद भी जया ने कई फिल्मों में काम किया। जिनमे से 'चुपके चुपके', 'मिली', 'शोले', 'कभी खुशी कभी ग़म', 'कल हो ना हो' जैसी फिल्में शामिल हैं। 'सिलसिला' (1981) में अपने पति अमिताभ के साथ काम करने के बाद वह लम्बेे समय के ब्रेक पर चली गईं। इसके अलावा उन्होंने 'शहंशाह' (1988) की पटकथा भी लिखी थीं, जिसमें उनके पति लीड रोल में थे। फिल्मों में सक्रिय रहते हुए उन्होंने 9 फिल्म फेयर पुरस्कार जीते, जिसमें तीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और तीन सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार शामिल हैं।
राजनीति में भी कमाया नाम
जया उन कलाकारों में से रहीं जिन्होंने फिल्मों के साथ राजनीति में भी बराबर नाम कमाया। जया ने 2004 में पहली बार समाजवादी पार्टी की संसद सदस्य के रूप में चुनी गईं। उन्होंने मार्च 2006 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। जिसके बाद ही उन्हें जून 2006 से जुलाई 2010 तक दूसरा कार्यकाल मिला और फरवरी 2010 में उसने अपना कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद समाजवादी पार्टी की नेता जया बच्चन ने 2018 में लखनऊ से राज्यसभा की सीट के लिए एक बार फिर से चुनी गयीं।