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राज्यसभा में योगी सरकार पर भड़के जयन्त चौधरी, पूछा खीरी काण्ड के पीड़ितों को क्यों नहीं मिला मुआवजा
Jayant Chaudhary: उन्होने पूंछा कि राज्य सरकार ने अभी तक उन्हें मुआवजा क्यों नहीं दिया है? उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि उस समय प्रदेश सरकार ने घायलों को 10-10 लाख रुपये एवं मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने का आश्वासन दिया था।
Jayant Chaudhary: राष्ट्रीय लोकदल सांसद जयन्त चौधरी ने आज राज्य सभा में शून्यकाल में 3 अक्टूबर, 2021 को हुए लखीमपुर खीरी काण्ड के पीड़ितों के मुआवजे को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा कि राज्य सरकार ने अभी तक उन्हें मुआवजा क्यों नहीं दिया? उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि उस समय प्रदेश सरकार ने घायलों को 10-10 लाख रुपये एवं मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने का आश्वासन दिया था।
जयन्त चौधरी ने कहा कि, "01 दिसम्बर, 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हमारी पार्टी के विधान मंडल दल के नेता राजपाल बालियान के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने माना कि मृतक परिवारों को नौकरी तथा अन्य घायलों को अभी तक कोई मुआवजा राशि नहीं दी गयी है। ऐसे में केन्द्र सरकार का नैतिक दायित्व बनता है कि वह अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार से पूछे कि पीड़ितों को अभी तक मुआवजे का भुगतान क्यों नहीं किया गया है?"
जयन्त ने आज राज्य सभा में एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया। इस विधेयक में उन्होंने मांग की कि लोकसभा एवं विधान सभा के लिए निर्धारित आयु सीमा 25 वर्ष और राज्य सभा एवं विधान परिषद के लिए निर्धारित आयु सीमा 30 वर्ष को घटाकर सभी के लिए आयु सीमा 21 वर्ष कर देनी चाहिए। ताकि युवा पीढ़ी देश के नीति निर्धारण सम्बंधी मामलों में सक्रिय भूमिका निभा सके।
बता दें कि इससे पहले भी उन्होने विभिन्न मंचों से इस मुद्दे को उठा चुके हैं। 12 फरवरी, 2019 को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित "युवा अधिकार सम्मेलन" में उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था कि "हमारे देश की युवा आबादी लगभग 65 प्रतिशत है। जब देश युवा है, तो सांसद, विधायक बुजुर्ग क्यों ?"