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शराब माफिया ने कोतवाली में घुसकर की मारपीट, भाजपाई होने का झाड़ रहे रौब
शराब माफियाओं ने वीडियो बनाने पर कोतवाली के अंदर घुसकर सिपाही और दारोगा की पिटाई कर दी है।
Jhansi Crime News: शराब माफियाओं ने वीडियो बनाने पर कोतवाली के अंदर घुसकर सिपाही और दारोगा की पिटाई कर दी है। इतना ही नहीं, यहां खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। इसी बीच कहा गया कि अभी तो पीटा, अब कोतवाली में भी आग लगा देंगे। यह शराब माफिया चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहा था। इस बवाल की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे। मौका देख कोतवाली पुलिस ने शराब माफिया और उसके गुर्गों को चुपचाप कोतवाली से भगा दिया। इस घटना को लेकर झांसी पुलिस में काफी आक्रोश व्याप्त है। इस मामले को शासन स्तर के संज्ञान में लाया गया है। कोतवाल पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
बता दें कि कोतवाली थाना क्षेत्र के आतियां तालाब के पास शराब की दुकान है। यह दुकान भाजपा नेता की है। शुक्रवार की शाम 9.20 बजे बड़ागांव गेट बाहर निवासी गौरव व अभिषेक यादव व बंगलाघाट निवासी डॉ. अंकित यादव अपनी-अपनी कार से शहर की ओर वापस आ रहे थे। तभी शराब की दुकान के पास विवाद होते देख उक्त लोग वहां रुक गए। इसी बीच शराब के दुकानदार ने उन लोगों से गाली गलौज की और मां-बहन की गालियां दी। इसी दौरान शराब माफिया के असलहाधारी गुर्गे भी आ धमके। गुर्गों ने कार सवार लोगों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। चार पहिया गाड़ी भी तोड़ दी। इन लोगों ने ललकारते हुए कहा कि हम भाजपाई है, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है?
मारपीट में घायल तीन लोग अपनी गाड़ियां छोड़कर कोतवाली पहुंचे। तभी पीछे से शराब माफिया व उसके गुर्गें भी कोतवाली पहुंचे और पुलिस के सामने ही घायल युवकों से मां-बहन करना शुरू कर दिया। गुर्गों ने तीनों युवकों से कहा कि तुम लोग यादव है, इसलिए तुम सपा के गुंडे हो, पुलिस के सामने ही तुम लोगों की पीटेंगे। बवाल बढ़ता देख थाने में मौजूद एक सिपाही ने घटना का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। तभी शराब माफिया के गुर्गों की नजर सिपाही पर पड़ गई। उन्होंने सिपाही की भी पिटाई कर दी और मोबाइल फोन छीन लिया। इसी बीच दारोगा विजय कुमार भी वहां पहुंच गए। उन्होंने समझाने का प्रयास किया लेकिन गुर्गों ने दारोगा के गाल पर तमाचा मार दिया।
कोतवाली में हो रहे बवाल की जानकारी पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार, एसएसपी शिवहरि मीणा, एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी आदि को दी गई। पुलिस के आला अफसर मामले को गंभरता से लेते हुए देररात एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी व सीओ सदर अरुण कुमार चौरसिया मय फोर्स के मौके पर पहुंचे। वहीं, कोतवाली के सिपाहियों ने बवाल करने वाले शराब माफिया व उसके कुछ गुर्गों को चुपचाप कोतवाली के दूसरे रास्ते से भगा दिया। इस घटना को एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी ने गंभीरता से लेते हुए पीड़ितों की मदद करने का आश्वासन दिया। एसपी सिटी ने कोतवाल को पीड़ितों की तहरीर पर तत्काल मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया।
हम नहीं मानते हैं एसएसपी के आदेश?
शासन के कड़े निर्देश हैं कि सुबह सात से शाम सात बजे तक दुकानें खुलेंगी। इसके बाद सभी दुकानें बंद रहेंगी। इस मामले में एसएसपी ने जिलेभर के थानेदारों को कड़े निर्देश दिए थे। इसके बावजूद कोतवाली क्षेत्र में शराब माफिया की दुकानें देररात क्यों खुल रही है। यही माना जाए कि कोतवाली पुलिस, अपने बड़े अफसरों के आदेशों को रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं।
विवादों से है पुराना नाता
जिस दुकान पर यह विवाद हुआ उसके संचालक का विवादों से पुराना नाता रहा है। पहले भी कई बार दुकान पर बन्दी दिवसों में शराब की बिक्री को लेकर विवाद हो चुके हैं। ठेकेदार के सत्ता से जुड़े होने के कारण मामले में लीपापोती होती रही है। देखना है इस बार भी वह सत्ता व धनबल के दम पर मामले को दबाने में कामयाब होता है या फिर एसएसपी के निर्देश पर कार्यवाही होगी।