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Jhansi News: डीआईजी का मेडिकल कॉलेज में छापा, छह दलाल दबोचे गए
Jhansi News: मेडिकल कॉलेज के गेट नंबर दो और इमरजेंसी के बाहर दलाल खड़े होते हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को बहला-फुसलाकर यां झांसे में लेकर निजी अस्पतालों में ले जाते हैं।
Jhansi News: शव को इमरजेंसी से लेकर पोस्टमाटर्म कक्ष तक की जा रही अवैध वसूली के बाद अफसर सक्रिय हो गए हैं। शनिवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेंद्र कुमार ने टीम के साथ मलबा में फैले दलालों के मायाजाल को तोड़ने का अभियान शुरु कर दिया है। अचानक मारे गए छापे में छह दलाल दबोचे गए। साथ ही चार एेबुलेंस गाड़ी भी पकड़ी गई है। इस कार्रवाई से मलबा के दलालों में हड़कंप मचा हुआ है। डीआईजी का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में दलालों के पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य, पुलिस और प्रशासन की टीम गठित की जाएगी।
मालूम हो कि मेडिकल कॉलेज के गेट नंबर दो और इमरजेंसी के बाहर दलाल खड़े होते हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को बहला-फुसलाकर यां झांसे में लेकर निजी अस्पतालों में ले जाते हैं। वहां से दलालों को प्रतिशत पर कमीशन मिलता है। यही नहीं, इमरजेंसी से लेकर पोस्टमार्टम कक्ष से शव ले जाने के लिए पांच सौ रुपया अवैध वसूली की जाती हैं। इस तरह की शिकायतें आए दिन पुलिस और प्रशासन के अफसरों को मिल रही थी। इन शिकायतों को पुलिस उपमहानिरीक्षक जोंगेद्र कुमार ने गंभीरता से लिया।
निजी अस्पताल से मिलता है अच्छा कमीशन
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने कहा है कि मेडिकल कालेज के गेट नंबर दो और इमरजेंसी के बाहर अक्सर दलाल खड़े होते हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को उनके परिजनों को बहला-फुसलाकर या झाँसे में लेकर वे निजी अस्पतालों में ले जाते हैं। वहां से दलालों को अच्छा कमीशन मिलता है। इस पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य, पुलिस और प्रशासन की टीम गठित की जा रही हैं। शनिवार को मलबा में आकस्मिक छापा मारा गया। छापा के दौरान छह दलाल पकड़े और चार एंबुलेंस पकड़ी गई है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
दलाली के लिए खरीदी एंबुलेंस
डीआईजी का कहना है कि मलबा में गरीबों का अच्छा इलाज किया जाता है मगर दलालों के नेटवर्क ने इस इलाज को काफी महंगा कर दिया है। गरीबों को अपनी बातों में फंसाकर दलाल निजी अस्पताल ले जाते हैं। वहां पर निजी अस्पताल का मालिक अच्छा खासा कमीशन देता है। यह नेटवर्क कई सालों से चल रहा है। उनका कहना है कि कुछ लोगों ने सिर्फ दलालों के लिए एंबुलेंस खरीदी हैं। उनका काम सिर्फ इतना है कि मेडिकल से मरीजों को निजी अस्पताल में पहुंचाना है। डीआईजी का कहना है कि इस पूरे नेटवर्क का खात्मा किया जाएगा। इसके लिए अभियान की शुरुआत कर दी है।
छापे के दौरान यह लोग रहे मौजूद
डीआईजी के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ नरेंद्र सिंह सेंगर, एसपी सिटी राधेश्याम राय, सीओ सिटी अवनीश कुमार गौतम, नवाबाद थाना प्रभारी और बुविवि चौकी प्रभारी शामिल रहे हैं।
102 एबुलेंस भी रहेंगी रडार पर
डीआईजी का कहना है कि सरकारी एबुलेंस 102 भी रडार पर रहेगी, ताकि दलालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि एेसी भी शिकायत मिलती हैं कि सरकारी एबुलेंस से भी मरीजों को निजी अस्पताल ले जाया जाता है। इन पर भी नजर रखी जाएगी।
दलालों को दबोचने के लिए सर्विलांस की ली जाएगी मदद
डीआईजी का कहना है कि दलालों और निजी अस्पताल के नेटवर्क को खत्म करने के लिए सर्विलांस टीम की मदद लेंगे। गोपनीय लोगों को मेडिकल कालेज और इमरजेंसी विभाग के बाहर खड़े किए जाएंगे, ताकि दलालों को पकड़ा जा सके। इसमें मेडिकल कालेज के प्राचार्य की मदद लेंगे। इमरजेंसी में लगे सीसीटीवी कैमरों से पिछले कुछ समय फुटेज ली जाएगी। मरीजों को लेकर जाने वाले दलालों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। सीएमओ से रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों की सूची ली जाएगी। उनका सत्यापन कराएंगे कि डॉक्टर हैं या कंपाउंडर अस्पताल चला रहे हैं। बिना डॉक्टर वाले अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त करवाया जाएगा। उनका कहना है कि जो निजी अस्पताल दलालों के साथ मिले हुए हैं, उन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखेंगे।