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किसान की दुर्दशा: फांसी से झूलकर की आत्महत्या, प्रशासनिक वसूली बनी वजह

लहचूरा गुढ़ा शहपुरा निवासी किसान लोकेंद्र सिंह ने बीती रात घर के कमरे में फाँसी लगा ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी।

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Published on: 31 Aug 2020 7:07 AM GMT
किसान की दुर्दशा: फांसी से झूलकर की आत्महत्या, प्रशासनिक वसूली बनी वजह
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कर्ज वसूली के दबाब का दंश और सबके सामने वसूली की फजीहत से तंग युवा किसान जिल्लत नही झेल पाया और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

झाँसी: कर्ज वसूली के दबाव का दंश और सबके सामने वसूली की फजीहत से तंग युवा किसान जिल्लत नहीं झेल पाया और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लहचूरा गुढ़ा शहपुरा निवासी किसान लोकेंद्र सिंह (35) पुत्र चन्द्रभान सिंह ने बीती रात घर के कमरे में फाँसी लगा ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी।

ट्रैक्टर के लिए स्टेट बैंक से 2006 में लिया था लोन

10 बीघा के काश्तकार मृतक किसान ने ग्राम धवाकर के स्टेट बैंक से ट्रेक्टर के लिए बर्ष 2006 में साढ़े तीन लाख का कर्ज लिया था। एक वर्ष बाद 2007 में ट्रैक्टर का एक्सीडेंट हो गया था। जिसमे उस पर चार लाख का क्लेम बना दिये जाने से वह चिन्तित रहने लगा। मृतक ने अपनी जमीन में से चार बीघा जमीन बेचकर 2 लाख रुपये जमा कर दिये। इसके बाद उसके नाम रिकवरी निकाल दी। जिस पर राजस्व विभाग द्वारा बाकी रकम जमा करने के लिये लगातार दबाब बनाया गया।

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Loan कर्ज की वसूली से तंग आकर किसान की आत्महत्या (फाइल फोटो)

किसी तरह वह वसूली को रोके खेत मे खपकर उपज की उम्मीद से आने वाले रुपयों से बाकी रकम जमा करने के लिए रात-दिन एक किए रहा। एक तरफ वसूली का डंडा तो दूसरी तरफ खेत ओर कुदरत की दगाबाजी ने मृतक लोकेंद्र की कमर तोड़ दी। उस पर अंधी, बृद्ध माँ का उपचार, पांच मासूम बच्चों की परवरिश की जरूरतों ने उसे मानसिक रूप से विछिप्त कर दिया। इस बीच पत्नी श्रीमती कमलेश उसका एक मात्र सहारा बनी रही, जो उसे हिम्मत बढाये रखने के लिए गृहस्थी के खर्च में कटौती करके किसी तरह परिवार को सम्हाले घर को घसीटती रही।

प्रशासनिक वसूली से तंग आकर किसान ने की आत्महत्या

Former Committed Sucide कर्ज की वसूली से तंग आकर किसान की आत्महत्या (फाइल फोटो)

कुछ दिनों से लोकेंद्र को प्रशासनिक वसूली ने जरूरत से ज्यादा परेशान कर दिया। अंतत: लोकेंद्र ने मौत में जिंदगी की तलाश करते हुये, रात घर के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। वह अपने पीछे बृद्ध अंधी माँ, पत्नी कमलेश और मासूम पांच बच्चो को छोड़ गया। प्रदेश किसान कांग्रेस अध्यक्ष शिवनारायण सिंह परिहार सुबह ग्राम सहपुरा पहुंचे।

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मृतक के परिजनों से मिले, ढाँढस बंधाया। हर सम्भव मदद का अश्वासन दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि बन्देलखण्ड क्षेत्र किसानो का कब्रगाह बन गया है। आये दिन यहां के चार-पाँच किसान अत्महत्या कर रहे हैं। इस मामले में प्रदेश किसान कांग्रेस अध्यक्ष शिवनारायण सिंह परिहार ने मृतक का सारा कर्ज माफ करने एव पीडि़त परिवार को दस लाख रुपया मुआवजा दिलवाने के लिए सूबे की सरकार और जिला प्रशासन से मांग की।

रिपोर्ट- बीके कुशवाहा

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