TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Jhansi News: महिला हेल्पर ने लगाया रेलवे को 15 लाख रुपयों का चूना, कागजों के बिना सत्यापन हुई ज्वाइनिंग

Jhansi News: महिला हेल्पर ने रेलवे को साढ़े चार साल तक लाखों रुपयों का चूना लगाया। इस चूना की रिकवरी किस अधिकारी के वेतन से होगी।

B.K Kushwaha
Published on: 2 Dec 2022 11:15 AM IST
Jhansi News
X

हिला हेल्पर ने लगाया रेलवे को 15 लाख रुपयों का चूना (photo: social media )

Jhansi News: अगर आपको रेलवे में नौकरी करना है तो काफी आसान हैं क्योंकि रेलवे में ज्वाइनिंग करने के पहले आपके दस्तावेजों का सत्यापन तक नहीं करवाया जाता है। ऐसा ही एक मामला झाँसी रेल मंडल में प्रकाश में आया है। दस्तावेजों का बिना सत्यापन के एक महिला को रेलवे ने ज्वाइनिंग करवा दी।

साढ़े चार साल बाद उसे नौकरी से बाहर कर दिया गया। इस प्रकार महिला हेल्पर ने रेलवे को साढ़े चार साल तक लाखों रुपयों का चूना लगाया। इस चूना की रिकवरी किस अधिकारी के वेतन से होगी। इस मामले को लेकर तमाम चर्चाए शुरु हो गई है।

ग्वालियर स्थित रेलवे कालोनी में रहने वाली श्रीमती सूर्या भास्कर ने रेलवे में हेल्पर के पद पर पदस्थ थी। बाद में उन्होंने रेलवे से वीआरएस ले लिया था। इसके बाद श्रीमती सूर्या भास्कर की लड़की शिवानी शर्मा ने मां की जगह लारजेस स्कीम के तहत नौकरी पाने के लिए आवेदन किया था। इस आवेदन को रेलवे ने स्वीकार कर लिया था। रेलवे में नौकरी पाने के लिए शिवानी शर्मा ने हाईस्कूल व अन्य दस्तावेज लगाए थे। इसमें शिवानी शर्मा ने वर्ष 2013 में एमपी बोर्ड भोपाल की दसवीं मार्कशीट लगाई थी। इस मार्कशीट के आधार पर रेलवे ने 17 जुलाई 2017 को ज्वाइनिंग लेटर दे दिया था। रेलवे ने शिवानी शर्मा की पोस्टिंग ग्वालियर में हैल्पर के पद पर कर दी थी। यह पद अधीन एसएसई/टैली/ग्वालियर में है। शिवानी शर्मा द्वारा जो दस्तावेज दिए गए थे, उनकी जांच तत्कालीन एपीओ ने की थी। जांच के बाद ही रेलवे में ज्वाइनिंग करवाई जाती है। शिवानी शर्मा को ज्वाइनिंग के समय झाँसी से ग्वालियर तक पास नंबक 273794 भी जारी किया था।

उधर, मुरैना निवासी बच्चूलाल शर्मा पुत्र मूंगाराम शर्मा ने रेलवे बोर्ड को एक शिकायती पत्र दिया था। पत्र में कहा था कि ग्वालियर में हेल्पर के पद पर तैनात शिवानी शर्मा की मार्कशीट फर्जी है। इस पत्र को रेलवे बोर्ड ने गंभीरता से लिया और जांच की। जांच के दौरान उक्त मार्कशीट का एमपी बोर्ड भोपाल से सत्यापन करवाया गया। सत्यापन में उक्त मार्कशीट नहीं पाई गई। फर्जी मार्कशीट पाए जाने पर झाँसी मंडल में पदस्थ रेलवे अफसरों में हड़कंप मच गया। सूत्र बताते हैं कि रेलवे बोर्ड पत्र 23 जनवरी 2019 के आधार पर शिवानी शर्मा को 13 जुलाई 2020 को एसएफ-5 जारी की गई थी। एसएफ -5 जारी होने से शिवानी शर्मा व स्टॉफ के लोगों में हड़ंकप मच गया। बाद में उसे रेलवे की नौकरी से हटा दिया।

दस्तावेजों की जांच क्यों नहीं करवाई गई?

रेलवे सूत्रों का कहना है कि रेलवे में ज्वाइनिंग करने के पहले संबंधित रेलवे कर्मचारी के दस्तावेजों की जांच करवाई जाती हैं। ज्वाइनिंग के पहले शिवानी शर्मा की हाईस्कूल मार्कशीट का सत्यापन क्यों नहीं करवाया गया। इसमें कहीं न कहीं तत्कालीन एपीओ की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सूत्र कहते हैं कि वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक शिवानी शर्मा ने रेलवे से वेतन लिया है। इस वेतन की वसूली कहां से होगी। रेलवे को चूना लगवाने के लिए कौन दोषी होगा?। शिवानी को हर माह अनुमानित 30 हजार वेतन था। कुल मिलाकर उसने रेलवे को 15 लाख का चूना लगाया है।

इनका कहना है

पी आर ओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि यदि कोई भी रेलकर्मी या अभ्यर्थी मिथ्या या गलत तरीके से नौकरी प्राप्त करता है, तो सत्यता प्रमाण होने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

क्या है लारजेस स्कीम

रेलवे की लारजेस स्कीम के तहत रेलवे ने पायलट और पाइंट्स मैन की नौकरी करने वाले एेसे कर्मचारी जिनकी सेवा 33 साल की हो चुकी है और दूसरे विभागों जैसे सेफ्टी कैटेगिरी में निर्धारित अवधि में काम करने के बाद यदि कर्मचारी स्वेच्छा से रिटायरमेंट लेता है, तो उसकी संतान को उसकी जगह नौकरी देने का प्रावधान है। इसमें फिजिकल फिटनेस बेहद जरुरी है, तो शैक्षणिक योग्यता केवल 10 वीं रखी है। इस स्कीम में नियुक्ति के लिए कोई लिखित परीक्षा का प्रावधान नहीं है। अधिकांश मामलों में यह योजना केवल चतुर्थ श्रेणी, ट्रैक मैन, खलासी, टेलीकॉम, सिग्नल आदि विभागों के लिए भी है।



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story