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Jhansi Medical College Fire:डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में बुलाई अहम बैठक

Jhansi Fire: झांसी में रानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में हुये भयावह अग्निकांड के बाद राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने नवंबर 18 को बड़ी बैठक बुलाई।

Ashutosh Tripathi
Published on: 18 Nov 2024 6:07 PM IST (Updated on: 18 Nov 2024 8:32 PM IST)
Jhansi Medical College Fire:डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक  ने लखनऊ में बुलाई अहम बैठक
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झांसी में रानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में हुये भयावह अग्निकांड के बाद राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने नवंबर 18 को बड़ी बैठक बुलाई। इस दौरान डिप्टी सीएम ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थय विभाग सचिव पार्थ सारथी शर्मा भी मीटिंग में थे मौजूद। इस दौरान डिप्टी सीएम पाठक ने प्रदेशभर के अस्पतालों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी ली।

बैठक के दौरान डप्टी सीएम पाठक ने कहा, किसी अस्पताल में आग लगने की वजह से कोई दुर्घटना न हो। प्रदेश भर के सभी अस्पतालों का ऑडिट दुबारा से होगा। 24 घंटे एक स्टाफ वार्ड में उपस्थित रहेगा। जो फायर उपकरणों का मौजूदा ट्रेंड के हिसाब से रखा जाएगा साथ हा टेम्परेरी वायरिंग व एक्सटेंशन बोर्ड हम वार्ड में नही रखे जाएंगे। जितने वॉट की आवश्यकता होगी उसी के अनुरूप हॉस्पिटल्स में वायरिंग होगी। इसके अलावा डिप्टी सीएम पाठक ने कहा कि वे स्वयं प्रायवेट अस्पतालों से सीधा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात करने की व्यवस्था सरकार द्वारा शुरू कर दी गई है। 20 नवंबर को को प्राईवेट अस्पतालों से की जाएगी बात। डिप्टी सीएम ने भरोसा दिलाया कि यूपी के सभी अस्पतालों में व्यवस्था ठीक रहे इसको लेकर वो लगातार काम कर रहे है.

शुरु हुई झांसी अग्निकांड की जांच

घटनास्थल पर चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक हाई-लेवल टीम पहुंच चुकी है। टीम में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं अपर निदेशक और महानिदेशक, अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी शामिल है। झांसी पहुंचते ही टीम में कमिश्नर और डीएम से बात की। वहीं अभी तक इस पूरे घटनाक्रम पर मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है।

सात दिन मे टीम सौंपेगी रिपोर्ट

टीम आग लगने के शुरूआती कारण, किसी भी प्रकार की लापरवाही की पहचान और आगे इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सरकार को सिफारिशें देगी। साथ ही कमेटी गठन के बाद सात दिनों में जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था।



Shivam Srivastava

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