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झांसी: बाबा साहेब की याद में समरसता दिवस, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का हुआ सम्मान

देश के प्रत्येक नागरिक को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए अपना समस्त जीवन संघर्ष में बिता दिया। बाबा साहेब की पुण्यतिथि को समरसता के रूप में मनाने से निश्चित ही समाज में उनके विचार वृहद स्तर पर फैलेंगे।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 Dec 2020 3:38 PM GMT
झांसी: बाबा साहेब की याद में समरसता दिवस, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का हुआ सम्मान
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इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि बाबा साहेब ने केवल दलित उत्थान के लिए कार्य नहीं किया बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए अपना समस्त जीवन संघर्ष में बिता दिया।

झाँसी : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या बुविवि में समरसता कार्यक्रम आयोजित किया गया। अभाविप द्वारा पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संसथान में आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में बुविवि के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वीरेंद्र अहिरवार को मुख्य अतिथि बना कर समरसता के सन्देश को व्यापकता एवं व्यावहारिकता प्रदान की गयी।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि बाबा साहेब ने केवल दलित उत्थान के लिए कार्य नहीं किया बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए अपना समस्त जीवन संघर्ष में बिता दिया। उन्होंने कहा कि अभाविप द्वारा बाबा साहेब की पुण्यतिथि को समरसता के रूप में मनाने से निश्चित ही समाज में उनके विचार वृहद स्तर पर फैलेंगे। अध्यक्षता कर रहे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो देवेश निगम ने मुख्य अतिथि को शाल देकर सम्मानित किया।

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प्रत्येक छात्र के लिए अनुकरणीय

छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाबासाहेब का जीवन अपने आप में एक दर्शन है। कई प्रकार की सामाजिक एवं आर्थिक अडचनों को दूर करते हुए उन्होंने जो सफलता अर्जित की है वो प्रत्येक छात्र के लिए अनुकरणीय है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो प्रतीक अग्रवाल ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपना जीवन बल्कि समस्त दलित समाज के जीवन में भी परिवर्तन ला दिया।

आज जिस संविधान से देश अपनी गौरवपूर्ण यात्रा कर रहा उसके पीछे उनकी दूरदृष्टि ही है। बुविवि के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ श्रीहरि त्रिपाठी ने कहा की भारत की संस्कृति में कहीं भी जातिगत व्यवस्था देखने को नहीं मिलती है। कालांतर में समय एवं बाहरी लोगों के आने एवं यहाँ की व्यवस्था को छीन भिन्न करने का परिणाम है जातिव्यवस्था. क्यूंकि विघटित समाज पर शासन करना सरल है।

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प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिन्ह

इस अवसर जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के जीवन वृत पर आज आयोजित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पुष्पेन्द्र ने प्राप्त किया। स्नेहा सोनी द्वितीय, गंभीर प्रताप सिंह तृतीय, एवं प्रियांशु शंखवार चतुर्थ स्थान पर रहे। सभी विजेताओं को अतिथियों द्वारा प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिन्ह दिया गया।

कार्यक्रम में पत्रकारिता विभाग के उमेश शुक्ल, राघवेन्द्र दीक्षित, जय सिंह, अभिषेक कुमार, ललितकला विभाग के बृजेश सिंह परिहार, पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग के रमेश, कार्यक्रम का संचालन अभाविप के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य आशुतोष मिश्रा ने एवं संयोजन बीटेक इकाई अध्यक्ष समरेन्द्र प्रताप ने किया। जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डॉ कौशल त्रिपाठी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

रिपोर्टर बी के कुशवाहा

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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