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कटे पैर को तकिया बनाने के मामले में सीएम योगी हुए सख्त, डीएम ने दिया चेक
यूपी के झांसी में कटे पैर को सिरहाने रखकर तकिया बनाने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ही पीड़ित को राहत देने में लग गए हैं। 12 मार्च को झांसी के डीएम शिव सहाय अवस्थी ने नर्सिंग होकर पहुंचकर पीड़ित घनश्याम के परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख का चेक दिया और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
लखनऊ: यूपी के झांसी में कटे पैर को सिरहाने रखकर तकिया बनाने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ही पीड़ित को राहत देने में लग गए हैं। 12 मार्च को झांसी के डीएम शिव सहाय अवस्थी ने नर्सिंग होकर पहुंचकर पीड़ित घनश्याम के परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख का चेक दिया और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे को इस घटना की पूरी रिपोर्ट तलब करने का निर्देश भी दिया है। आपको बता दें कि, अभी तक इस मामले में कई जिम्मेदारों को सस्पेंड भी कर दिया गया है और विभागी जांच भी चल रही है। लेकिन इस वाकये ने यूपी के झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में मरीजों का उपचार कैसे होता है, इसका सच बता दिया।
यह है मामला
झांसी के लहचूरा के ग्राम इटायल निवासी घनश्याम राजपूत स्कूल बस में क्लीनर है। 10 मार्च को जब वह बच्चों को स्कूल छोडने जा रहा था तभी अनियंत्रित होकर बस पलट गयी। बस के नीचे दबने से घनश्याम के दोनों पैर कुचल गये। इसके अलावा 4 छात्राओं को मामूली चोटें आईं।
मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्राओं को क्लीनर समेत मऊरानीपुर के स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर क्लीनर को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। यहां कुछ लोगों ने देखा कि मरीज का कटा पैर सिरहाने पर तकिया की तरह लगा हुआ है। इसके बाद वहां हंगामा चालू हो गया।
सोशल मीडिया की ताकत ने पीड़ित को दी राहत
बार-बार हंगामे के बाद भी कटे पैर को सर के नीचे से नहीं हटाया जा रहा था तो कुछ लोगों ने फेसबुक, ट्विटर और अन्य चौनलों का सहारा लिया। इसके बाद जाकर मरीज को मिली राहत।
जिम्मेदारों को तुरंत कर दिया गया सस्पेंड
चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर डॉ.एमपी सिंह, सीनियर रेजीडेंट डॉ.आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, मेडिकल कॉलेज में कंसल्टेंट ऑन कॉल डॉ.प्रवीन सरावली को चार्जशीट जारी करने का आदेश दिया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने झांसी के पूर्व प्राचार्य डॉ.नरेंद्र सेंगर की अध्यक्षता में चार सीनियर डॉक्टरों को शामिल कर जांच समिति गठित कर दी है। समिति से दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.के के गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
हेल्थ मिनिस्टर बेहतर इलाज का करते रहते हैं हमेशा दावा
यूपी के स्वास्थ्य विभाग की कमान मंत्री के तौर पर संभाल रहे हेल्थ मिनिस्टर हमेशा मरीजों को बेहतर उपचार करने का वादा करते हैं लेकिन झांसी के मेडिकल कालेज की घटना ने उन पर भी सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर प्रदेश मे मरीजों का इलाज कैसे हो रहा है।