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Jhansi News: जमीन के कारोबारी को गिरफ्तार करवाना दारोगा को पड़ा महंगा, रिश्वत लेते पकड़ा गया

Jhansi News: चक्रव्यूह रचने के लिए दारोगा को पकड़वाने के लिए एंटी करप्शन व जमीनी कारोबारी को एक साल लग चुके हैं। उधऱ, जमीनी कारोबारी द्वारा एंटी करप्शन टीम के सदस्यों को जो प्लाट दिए गए हैं तो उनकी भी जांच होना जरुरी है।

B.K Kushwaha
Published on: 7 Feb 2023 4:19 PM GMT
Jhansi Inspector who arrested the businessman caught taking bribe
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Jhansi Inspector who arrested the businessman caught taking bribe

Jhansi News: एक साल पहले जमीनी कारोबारी को गिरफ्तार करवाना गरौठा थाने में तैनात दारोगा बृजेश कुमार यादव को काफी महंगा पड़ गया है। इसी कारोबारी के निकटतम व खासमखास एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने चक्रव्यूह रचकर दारोगा को पांच हजार की रिश्वत लेते समय पकड़ लिया। इस चक्रव्यूह रचने के लिए दारोगा को पकड़वाने के लिए एंटी करप्शन व जमीनी कारोबारी को एक साल लग चुके हैं। उधऱ, जमीनी कारोबारी द्वारा एंटी करप्शन टीम के सदस्यों को जो प्लाट दिए गए हैं तो उनकी भी जांच होना जरुरी है।

ऐसे रचा गया था चक्रव्यूह

गरौठा थाना क्षेत्र के ग्राम रमौरा में रहने वाले छोटेलाल निषाद ने एंटी करप्शन को शिकायटी पत्र देते हुए बताया था कि मोती कटरा के पूर्व प्रधान महीपत यादव, सचिव आदि के खिलाफ लगभग एक करोड़ गबन का मुकदमा दर्ज था। यह मुकदमा क्राइम नंबर 33/2012 पर धारा 420, 467,468, 471, 409 के तहत दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ अदालत ने वारंट जारी कर दिए थे। साथ ही आरोप पत्र अदालत में दाखिल नहीं किए गए थे। आरोप पत्र दाखिल करने और पूर्व प्रधान को गिरफ्तार करने के लिए 30 हजार रुपयों की मांग की थी। इस मामले को एंटी करप्शन टीम ने गंभीरता से लिया। टीम ने छोटेलाल निषाद से विचार विमर्श किया। दारोगा को गिरफ्तार करने के लिए रुपरेखा तैयार की गई। मंगलवार की सुबह टीम गरौठा पहुंची। टीम ने छोटेलाल निषाद से संपर्क किया। इसके बाद छोटेलाल निषाद को दारोगा बृजेश के पास भेजा। जैसे ही छोटेलाल ने दारोगा को पैसा देना शुरु किया तो उसने मना कर दिया। काफी कहासुनी हो गई। इसके बात छोटेलाल ने पांच हजार रुपया उसकी शर्ट पर रख दिए, तभी पीछे खड़ी टीम के सदस्यों ने दारोगा को रिश्वत लेते समय दबोच लिया। उसे नवाबाद थाना लाया गया। इस मामले में दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है।

यह था मामला

गरौठा थाना क्षेत्र के ग्राम रमौरा निवासी छोटेलाल निषाद ने अदालत के आदेश पर गरौठा थाना में अपराध क्रमांक 33/2012 धारा 420, 467, 468,471, 409 के तहत गरौठा के ग्राम मोतीकटरा निवासी महीपत सिंह यादव, पूर्व प्रधान श्रीमती संपत देवी, पूर्व सचिव शिवप्रताप, पूर्व सचिव भानु प्रताप, पूर्व रोजगार सेवक धीरेंद्र कुमार, पूर्व रोजगार सेवक जय सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया था। इस मामले की विवेचना तत्काल गरौठा थानाध्यक्ष उदयभान गौतम ने अंतिम रिपोर्ट संख्या 18/2014, तारीख 31 दिसंबर 2014 को अदालत में दी थी। न्यायालय जेएम द्वारा अंतिम रिपोर्ट को रोकते हुए उक्त प्रकरण में अग्रिम विवेचना स्वतन्त्र व निष्पक्ष रुप से कराए जाने का आदेश 3 सितंबर 2021 को पारित किया था। अदालत के आदेश के अनुपालन में उक्त अपराध की विवेचना उपनिरीक्षक बृजेश कुमार के सुपुर्द की गई थी। अब तक की तमामी विवेचना बयान गवाहान प्राप्त अभिलेखीय साक्ष्य आदि से अभियुक्त महीपत सिंह, पूर्व प्रधान संपत्त देवी, पूर्व सचिव शिव प्रताप, पूर्व रोजगार सेवक धीरेंद्र कुमार, पूर्व रोजगार सेवक जय सिंह के खिलाफ जुर्म धारा 420 आदि के बखूबी साबित है।

जमीनी कारोबारी को किया था गिरफ्तार, चालान के बाद छोड़ा

सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के लहरगिर्द में जमीन कारोबारी है। इनमें कुछ माफिया भी है। एक माफिया द्वारा वहां पर एक दबंग द्वारा बिल्डिंग बनाई जा रही थी। इसकी शिकायत दूसरे दबंग ने पुलिस से की। पुलिस ने मामले की जांच शुरु की। उस समय सीपरी बाजार में इंस्पेक्टर देवेश शुक्ला पदस्थ थे। वहीं, बिल्डिंग बनाने वाले दबंग ने एंटी करप्शन में पदस्थ टीम के सदस्यों से संपर्क किया। टीम के सदस्यों ने दारोगा बृजेश से कहा था कि मामले को किसी तरह से निपटाना है। इसकी भनक इंस्पेक्टर को हुई तो उन्होंने जमीनी कारोबारियों को पकड़ने के लिए निर्देश दिए थे। इसके तहत सीपरी बाजार पुलिस दोनों जमीनी कारोबारियों को पकड़कर थाने ले गई थी। एक दबंग ने डेढ़ लाख रुपया मामले को निपटाने के लिए दिए थे। इसकी भनक एंटी करप्शन को हुई तो टीम के सदस्य बृजेश व देवेश शुक्ला से बुरा मान गए थे। इस दौरान दारोगा बृजेश यादव का तबादला गरौठा थाना कर दिया था। तभी से जमीनी कारोबारी व एंटी करप्शन टीम के चुनिंदा सदस्य अपनी भड़ास निकालने के लिए दारोगा बृजेश के पीछे पड़े हुए थे। जैसे ही दारोगा बृजेश यादव की शिकायत मिली तो जमीनी कारोबारी व एंटी करप्शन की टीम ने अपना चक्रव्यूह रचाना शुरु कर दिया था। जैसे ही मौका मिला तो दारोगा को दबोच लिया। उधर, जमीनी कारोबारी ने एंटी करप्शन टीम के दो सदस्यों को प्लाट भी दिए हैं। इनकी कीमत करोड़ों रुपया आंकी गई है।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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