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वीकेंड लाॅकडाउन में सड़के हुईं वीरान, कोरोना के खौफ से पसरा रहा सन्नाटा
कोरोना से जंग में रविवार के दिन घोषित लॉकडाउन के क्रम में बीती शाम से ही शहर में सन्नाटा पसरा नजर आया।
झाँसी। कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब यूपी में कहर बरपा रही है। कोरोना से जंग में रविवार के दिन घोषित लॉकडाउन के क्रम में बीती शाम से ही शहर में सन्नाटा पसरा नजर आया। 35 घंटे के कर्फ्यू के दौरान सड़कें पूरी तरह सूनी रहीं और बाजार बंद। बीच-बीच में इक्का- दुक्का लोग ही निकलते नजर आए। सब्जी, किराना, दूध तक की दुकानें बंद रही। शहर के प्रमुख व्यवसाय हिस्से पूरी तरह बंद रहे, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद रहा।
कोरोना वायरस के खतरे से लोगों को बचाने के लिए शासन प्रशासन की कोशिशों के साथ-साथ अब सामाजिक संस्थाएं भी अपने स्तर पर लोगों को जागरुक करने के लिए आगे आ रहे हैं। वहीं कर्मचारियों ने ध्वनि विस्तारक से लोगों को कोरोना वायरस के बारे में आगाह किया और कहा कि इसका सबसे सही उपचार शारीरिक दूरी बनाना ही है। उन्होंने नागरिकों से घरों में ही रहने की सलाह दी एवं बेमतलब सड़कों पर घूम रहे लोगों को समझाया और घर पहुंचाया। कहा कि मामले को गंभीरता से लें यह बहुत बड़ी आपदा है इससे सुरक्षित रहे।
झांसी में लगा नाइट कर्फ्यू
शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक के लिए लागू किए गए कर्फ्यू के दौरान रविवार को लोग अपने घरों में रहे। सुबह ग्रामीण क्षेत्र से दूधिए नजर आए तो पुलिस ने भी अधिकांश स्थानों पर जाने दिया। शहर के सबसे प्रमुख चौराहे इलाइट पर कुछ दोपहिया वाहन बीच बीच में गुजरते दिखे। ट्रेनों से आए यात्री अपने घर जाने के लिए परेशान रहे। यही हाल उनकी भी थी जिनका ट्रेनों में आरक्षण था और उन्हें स्टेशन जाना था। बहुत से लोगों ने पैदल ही लंबी दूरी तय की।
इलाइट चौराहा पर भी पुलिस मौजूद रही। उसने वाहनों से निकल रहे लोगों से पूछताछ भी की। इस दौरान कई लोगों को बेवजह घूमने पर डांट भी पड़ी। पुलिस ने कई लोगों को वापस कर दिया। हमेशा भीड़ भाड़ रहने वाली सब्जी मंडी में रविवार को पूरी तरह सन्नाटा था। हाइवे पर भी सामान्य दिनों के मुकाबले भारी वाहनों की संख्या कम नजर आई। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ागांव, रक्सा, चिरगांव, बरुआसागर, मऊरानीपुर आदि क्षेत्रों के गांवों में भी सड़कें खाली थीं। वाहनों के नाम पर कभी कभार एक-दो दोपहिया वाहन निकल रहे थे। सुबह के बाद जैसे -जैसे धूप बढ़ी सड़कों पर और अधिक सन्नाटा हो गया।
ग्रामीण बाजारों में सन्नाटा
लॉकडाउन का असर ग्रामीण क्षेत्रों व हाइवे से जुड़े कसबों में भी साफ देखा जा सकता है। सभी दुकानें बंद रहीं और गलियों में हाइवे किनारों पर सन्नाटा पसरा रहा। बड़ागांव, पूंछ, बबीना, रक्सा की प्रमुख बड़ी बाजार बंद रहीं। नवरात्र व मांगलिक कार्यों के चलते पिछले एक सप्ताह से ग्रामीण बाजारों में भी खूम रौनक थी और ग्राहकों की चहलकदमी से दुकानें गुलजार थीं। लेकिन रविवार को लॉकडाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों की सभी बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। हाइवे किनारे दुकानों में लगने वाला जमघट भी नजर नहीं आया।
गली मोहल्लों में रही आवाजाही
रविवार को घोषित लॉकडाउन के चलते मुख्य बाजार बंद रहे। सड़कें भी खाली रही ऐसे में शहर के अधिकांश मोहल्लों में लोगों की आवाजाही लगातार जारी रही। कुछ दुकानें भी खुली रही, और लोग घरों के बाहर आकर एक दूसरे से बात करते नजर आए।
गांवों में रोज की तरह शुरु हुई दिनचर्या
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग रोज की तरह ही रविवार को भी अपने कामों में लगे रहे। चैत का महीना चलने के चलते भोर पहर से किसान खेतों में गेहूं की कटाई करने के लिए निकल गए। पहूंज नदी किनारे सब्जी की खेती करने वाले किसान अपनी फसल की सिंचाई व देखरेख में लगे रहे। पूछने पर बताया लॉकडाउन तो है लेकिन मेहनत करना तो मना नहीं हैं। फसलों की देखरेख नहीं करेंगे तो खाएंगे क्या। ग्रामीणों ने कहा कि गांवों में अपने आप शारीरिक दूरी बनी रहती है। घर का शुद्द दूध, ताजी सब्जियां, खुली हवा व जीतोड़ मेहनत के बाद निकलीं पसीनें की बूंदें अपने किसी भी संक्रमण को परास्त करने के लिए पर्याप्त है।
घूमने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: एसपी सिटी
शहर के मुख्य मार्ग में लॉकडाउन का असर दिखाई दिया है। वहीं, गलियों में लोगों की भीड़ रहती है। लोग लापरवाही पूर्वक जमा हो रहे हैं । गलियों में जमा लोग पुलिस की गश्त टीम के पहुंचने पर इधर-उधर भाग जाते हैं। पुलिस की टीम युवकों के पीछे जाती है पर तंग गलियों में छिप जाने की वजह से उन्हें नहीं पकड़ पा रही है। इस संबंध में एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी का कहना है कि कुछ जगहों पर लोगों के घरों से बाहर निकलने की शिकायतें मिली थी। इसकी तस्दीक भी कराई गई है। बिना कारण बाहर घूमने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।