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''साहब... हमें न्याय चाहिए, दबंगों के इशारे पर पुलिस जान बूझकर बना रही है आरोपी''- बसपा नेताओं की SSP से गुहार
Jhansi News: झांसी में मतदान पेटी लूट मामले में बसपा नेताओं ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर पूरे मामले की जांच सीओ गरौठा से कराए जाने की मांग की है।
झाँसी: साहब, हमें न्याय चाहिए। दबंगों के इशारे पर ककरबई थाने की पुलिस जानबूझकर मत पेटी लूटकांड में दूसरे लोगों को आरोपी बना रही हैं। यही नहीं, सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है। इस मामले में बसपा नेताओं ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर पूरे मामले की जांच सीओ गरौठा से कराए जाने की मांग की है।
बसपा के पूर्व विधायक कैलाश साहू, रविकांत मौर्य, रामबाबू, राजू राजगढ़, कैलाश पाल, रविंद्र कुमार लवली पार्षद, अजय चौधरी, आनंद साहू, परशुराम फौजी, राकेश, माया, संतोष राज वर्मा, अनिल सोनी सहित कई बसपा नेताओं से एसएसपी से मुलाकात की। उन्होंने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया है कि ग्राम केरोखर थाना ककरवई निवासी प्रार्थी की माता श्रीमती सुशीला वार्ड नंबर 22 क्षेत्र ककरवई विकास खंड बामोर जिला झांसी से जिला पंचायत सदस्य हेतु प्रत्याशी थी।
15 अप्रैल 2021 को मतदान केंद्र पर गांव के कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक देश भावना से ग्रसित होकर मतदान के दौरान मतदान में गड़बड़ी एवं मत पेटियां लूट ली थी एवं भारी हंगामा और मारपीट की थी, जबकि उसके परिवार जनों ने मतदान के दौरान शांतिपूर्ण मतदान कराने में पूर्ण सहयोग किया था एवं मतदान में गड़बड़ी करने वालों द्वारा उपस्थित सुरक्षाकर्मियों एवं पुलिस अधिकारी सौरव सिंह आदि को भीड़ से निकाला था एवं बचाया था। यह कथन सौरव सिंह द्वारा क्षेत्राधिकारी गरौठा से उसी दिन कहा गया था जिसमें रोहित द्विवेदी व उनके साथियों ने हम लोगों को भीड़ से बचाया था और उन्होंने हम लोगों की काफी मदद की है लेकिन इसके बावजूद भी विशेष राजनीतिक दलों के लोगों द्वारा थाना पुलिस से सांठगांठ करके एवं साजिश के तहत रिपोर्ट लिखवाई थी जिसमें 9 लोगों के नाम दर्ज हैं और 50 60 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध लिखाई थी। इसमें उसका कोई नाम नहीं था।
इसके बाद सत्ताधारी लोगों के दबाव में आकर पुलिस द्वारा 16 अप्रैल 2021 को रात 12:00 बजे साथिया के मकान को घेर लिया था और मकान का मुख्य दरवाजा के गेट तोड़कर मकान के अंदर घुस कर दो गेट खोल दिए थे और साथियों के पूरे परिवार जन जिसमें सीता राम, अवतार द्विवेदी, चाचा रामभरोसे द्विवेदी, मोहित द्विवेदी एवं घर की महिलाओं के साथ भी अब हद कर दी थी, जिनको थाने में कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था। बाद में पुलिस ने छोड़ दिया था। प्रार्थना पत्र में कहा है कि अब थाना पुलिस उक्त मामले में साजिश के तहत दबंग व्यक्तियों के दबाव में आकर अभियुक्त बनाना चाहती है जबकि उक्त घटना के विरुद्ध कोई संबंध व सरोकार नहीं है लेकिन गांव के राजनीतिक दबंग व्यक्तियों के कहने पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।