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Jhansi News: भाजपा की ओर बढ़े कदम, तिलक अहिरवार ने सपा से दिया इस्तीफा

Jhansi News: पूर्व एमएलसी एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव तिलक चंद्र अहिरवार ने आज सपा के प्रदेश महासचिव एवं समाजवादी पार्टी इस्तीफा दे दिया है।

B.K Kushwaha
Published on: 12 Dec 2022 7:39 AM IST
Jhansi News In Hindi
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव तिलक चंद्र अहिरवार

Jhansi News: पूर्व एमएलसी एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव तिलक चंद्र अहिरवार ने आज सपा के प्रदेश महासचिव एवं समाजवादी पार्टी इस्तीफा दे दिया है। तिलक चंद अहिरवार का इस्तीफा उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उन्होंने सपा अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लिखे पत्र में अपने इस्तीफे का एलान करते हुए उन्हें अवगत कराया है कि पिछले लंबे समय से निजी कारणों के चलते पार्टी को समय देने में असमर्थ था। इसके अतिरिक्त पार्टी में संगठनात्मक गतिविधियों की निष्क्रियता से भी बेहद व्यथित महसूस कर रहा था। इन परिस्थितियों को देखते हुए मैंने समाजवादी पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है।

तिलक चंद्र ने ऐसे समय में समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दिया है जब समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा सीट जीत ली है। उन्होंने इसे समाजवादी पार्टी की निष्क्रियता बताया हूं लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की बिसात बिछा दी है। पार्टी के कद्दावर नेताओं से उनकी बात हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना तय है सिर्फ तारीख का एलान होना बाकी है।

भारतीय जनता पार्टी लड़ा सकती है महापौर का चुनाव

सूत्रों का यह भी कहना है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी महापौर का चुनाव लड़ा सकती है। उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना से भारतीय जनता पार्टी में टिकट के दावेदारों में खलबली मच गई है। उन्हें बड़े कद का नेता माना जाता है। वह बहुजन समाज पार्टी मैं बिहार प्रदेश प्रभारी के अलावा बुंदेलखंड कोऑर्डिनेटर और एमएलसी भी रह चुके हैं। उनके सभी दलों के बड़े नेताओं से व्यक्तिगत संबंध है। दरअसल प्रदेश की राजनीति में कांग्रेश व बहुजन समाज पार्टी हाशिए पर चली हुई है विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट दलित वोट भारतीय जनता पार्टी की तरफ गया है।

समाजवादी पार्टी दलित वोट हासिल करने में रही नाकाम

समाजवादी पार्टी दलित वोट हासिल करने में नाकाम रही है। यही कारण रहा है कि वह बेहतर प्रदर्शन और 39 प्रतिशत वोट हासिल करने के बाद भी सरकार नहीं बना सकी है ऐसी परिस्थितियों में अन्य दलों के नेताओं कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ऐसी राजनीति में सब कुछ संभव है झांसी महापौर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से दलित नेताओं जोर आजमाइश बढ़ गई है।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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